बीकानेर में राजएपिकॉन-2025 का आगाज

बीकानेर, 20 दिसंबर (हि.स.)। एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया (एपीआई) के राजस्थान चैप्टर और सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 37वीं राज्य स्तरीय कॉन्फ्रेंस ‘राजएपिकॉन-2025’ का शनिवार को गणेशम रिसॉर्ट में भव्य शुभारंभ हुआ। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन किया।

उद्घाटन समारोह में खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा और एसपी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र कुमार विशिष्ट रूप से उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि सुमित गोदारा ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे नवीन शोध और नवाचारों का लाभ तभी आमजन तक पहुंचेगा, जब यह ज्ञान वरिष्ठ से लेकर जमीनी स्तर तक साझा किया जाएगा। उन्होंने बीकानेर को राजएपिकॉन की मेजबानी मिलने को गौरवपूर्ण बताया।

विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि इस तरह के शैक्षणिक आयोजनों से जूनियर फैकल्टी और युवा चिकित्सकों को अद्यतन जानकारी मिलती है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सकारात्मक बदलाव तेजी से लागू हो पाते हैं। संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा ने भी सम्मेलन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में उपयोगी बताया। आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक डॉ. सुरेंद्र कुमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बीकानेर की लोक संस्कृति से परिचय कराया।

दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन कुल 14 वैज्ञानिक सत्र आयोजित किए गए। इस अवसर पर चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. आर.के. गोयल को डॉ. एस.के. गोयल मेमोरियल लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। साथ ही डॉ. संजीव माहेश्वरी को राज एपीआई के चेयरमैन का दायित्व सौंपा गया।

प्रमुख वक्ता शैलेश लोढ़ा ने इनहेल्ड इंसुलिन (अफ्रेज़ा) पर व्याख्यान देते हुए बताया कि भविष्य में डायबिटीज रोगियों को इंजेक्शन के बजाय इनहेलेशन के माध्यम से इंसुलिन उपलब्ध हो सकेगा। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. सुधीर भंडारी ने उच्च कोलेस्ट्रॉल से होने वाली हृदय और न्यूरोलॉजिकल बीमारियों पर प्रकाश डाला। अजमेर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल सामरिया ने डायबिटीज में होने वाली एक्यूट मेटाबॉलिक इमरजेंसी पर अपने विचार रखे।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अरविंद व्यास ने मिर्गी के उपचार में निरंतर ईईजी मॉनिटरिंग और नई दवाओं की भूमिका पर जोर दिया। वहीं जयपुर के वरिष्ठ गठिया रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल जैन ने गठिया के शीघ्र और आक्रामक उपचार को बेहतर परिणामों की कुंजी बताया।

आयोजन सचिव डॉ. परमेंद्र सिरोही ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। वैज्ञानिक सत्रों का संचालन डॉ. संजय कोचर ने किया, जबकि आयोजन प्रबंधन में डॉ. कुलदीप सैनी, डॉ. हरदेव नेहरा, डॉ. मनोज माली, डॉ. मनोज मीणा, डॉ. वी.के. असवाल और डॉ. श्यामलाल मीणा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव