संघ की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना पर नई दिल्ली में विमर्श

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमारहिन्दुस्थान समाचार के समूह सम्पादक एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष रामबहादुर रायहिन्दुस्थान समाचार समूह के अध्यक्ष अरविन्द भालचंद्र मार्डीकर

- दिल्ली की मुख्यमंत्री और संघ के अ.भा. कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार पूरे समय रहेंगे उपस्थित

नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर गुरुवार (11 दिसम्बर) को दोपहर 12:30 बजे यहां के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के समवेत सभागार में हिन्दुस्थान समाचार की ओर से सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना और संघ विषयक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश में सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना को जागृत करना और संघ के योगदान को लोगों के सामने लाना है।

कार्यक्रम संयोजक हिन्दुस्थान समाचार के क्षेत्रीय सम्पादक डाॅ. राजेश तिवारी ने बुधवार को बताया कि कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता होंगी। अध्यक्षता हिन्दुस्थान समाचार के समूह सम्पादक एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार समूह के अध्यक्ष अरविन्द भालचंद्र मार्डीकर की विशेष उपस्थिति रहेगी।

डॉ. तिवारी ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार आधुनिक समाज में सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी के महत्व पर अपने विचार साझा करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता बतौर मुख्य अतिथि सामाजिक जागरूकता और युवाओं में नेतृत्व क्षमता बढ़ाने पर प्रकाश डालेंगी। वहीं, इस्कॉन बेंगलुरु के उपाध्यक्ष भरतर्षभ दास कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि होंगे।

कार्यक्रम के संयोजक डाॅ. तिवारी ने कहा कि संघ की शताब्दी यात्रा संघर्ष, सेवा, समर्पण, संगठन और संस्कारों से भरी रही है। संघ का मानना है कि भारत की संस्कृति में निहित तत्व ही राष्ट्र निर्माण के लिए पर्याप्त हैं। समता और बंधुता वाले समाज का निर्माण ही संघ का ध्येय है। उसका मानना है कि हर व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि वह अपने राष्ट्र को किस दिशा में ले जाना चाहता है और उसमें उसका योगदान क्या हो सकता है। संघ अपने स्वयंसेवकों को भारत-बोध से प्रेरित करते हुए निष्काम कर्म और नि:स्वार्थ सेवा की सीख देता है। यह सब जीवन में अध्यात्म के समावेश से ही संभव माना जाता है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश