बीएलए-2 को सुनवाई में शामिल करने की मांग पर चुचुड़ा-मगरा ब्लॉक में हियरिंग बाधित, विधायक असित मजुमदार ने रुकवाया काम

हुगली, 29 दिसंबर (हि. स.)। चुचुड़ा-मगरा ब्लॉक कार्यालय में सोमवार सुबह मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से जुड़ी सुनवाई उस समय बाधित हो गई, जब चुचुड़ा के विधायक असित मजुमदार ने बीएलए-2 (बूथ लेवल एजेंट-2) को सुनवाई में शामिल न किए जाने का विरोध करते हुए हियरिंग प्रक्रिया रोक दी। सुबह करीब 11:30 बजे शुरू हुआ विरोध लगभग एक घंटे तक चला, जिसके कारण पूरी सुनवाई स्थगित रही।

इस दौरान ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) कार्यालय के बाहर लंबी कतारें लग गईं। सुनवाई के लिए आए लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और बीडीओ कार्यालय परिसर में माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्थिति को संभालने के लिए मगरा थाने की पुलिस को मौके पर बुलाया गया।

सूत्रों के अनुसार, जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद करीब एक घंटे बाद सुनवाई दोबारा शुरू हो सकी। हालांकि, चुचुड़ा सदर के महकमा अधिकारी (एसडीओ) अयन नाथ से संपर्क करने पर उन्होंने इस पूरे मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

इस मामले में विधायक असित मजुमदार ने कहा कि हम इस तरह की सुनवाई प्रक्रिया के खिलाफ हैं। जिसे चाहा, उसे सुनवाई के लिए बुला लिया जा रहा है। मैंने देखा है कि कई बुजुर्ग लोग एंबुलेंस में तक यहां पहुंचे हैं। इसका क्या मतलब है? जो लोग सरकारी कर्मचारी रहे हैं, वर्षों तक सेवा दी है, अब पेंशन पा रहे हैं, उन्हें भी सुनवाई के लिए बुलाया जा रहा है। चाहे उनके पास पासपोर्ट हो या 2002 की एसआईआर सूची में नाम, फिर भी उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है। इस परेशानियों का अंत कहां है, कोई नहीं जानता।

विधायक ने यह भी कहा कि यदि प्रक्रिया में पारदर्शिता लानी है, तो बीएलए-2 को सुनवाई में मौजूद रहने का अधिकार दिया जाना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब फॉर्म वितरण और अन्य कार्यों में बीएलए-2 की मौजूदगी स्वीकार्य है, तो सुनवाई के समय उन्हें बाहर क्यों रखा जा रहा है। साथ ही उन्होंने मांग की कि यदि बीएलए-2 को सुनवाई में शामिल नहीं किया जाएगा, तो इसका लिखित आदेश दिया जाए।

असित मजुमदार ने आरोप लगाया कि बीएलए-2 को हटाकर मनमाने ढंग से मतदाताओं के नाम काटे जा सकते हैं, जो किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि एक भी योग्य मतदाता का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाना चाहिए।

घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक स्तर पर हलचल शुरू हुई और आपसी बातचीत के बाद स्थिति सामान्य हुई। लगभग एक घंटे के बाद सुनवाई प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय