गोरखपुर, 01 दिसम्बर (हि.स.)। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के स्वास्थ्य एवं जीवन विज्ञान संकाय में सोमवार को गीता जयंती समारोह का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि आयुष वाटिका के प्रभारी अश्विनी ने कहा कि गीता केवल एक ग्रंथ ही नहीं बल्कि जीवन के मार्गदर्शन का स्वरूप भी है। इसके उपदेश सदैव प्रासंगिक हैं।
अश्विनी ने कहा कि मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कुरुक्षेत्र की पवित्र रणभूमि में अर्जुन को दिए गए दिव्य उपदेश की स्मृति में गीता जयंती मनाई जाती है। यह वही क्षण था जब मोह, शंका और द्वंद्व से घिरे अर्जुन को श्रीकृष्ण ने धर्म, कर्तव्य और जीवन के परम सत्य का ज्ञान कराया। उन्होंने कहा कि गीता जयंती समारोह का आयोजन आज के नई पीढ़ी को भारतीय संस्कारों और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने का सशक्त माध्यम है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए अधिष्ठाता प्रो. सुनील कुमार सिंह ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता एक ग्रंथ ही नहीं अपितु प्रत्यक्ष नारायण का ही स्वरूप है। हमें अपने जीवन में गीता के ज्ञान को अपनाकर सकारात्मक सोच विकसित कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। आभार ज्ञापन बायोटेक्नोलॉजी विभाग के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. अमित दुबे ने किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय



