हादसे में बेटे और चालक की हुई माैत काे संदेशखाली मामले के गवाह ने बताया ‘सुनियोजित हत्या’

कोलकाता, 12 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर हमला और उससे जुड़े केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच के महत्वपूर्ण गवाह भोलानाथ घोष ने अपने बेटे और चालक की सड़क दुर्घटना में हुई मौत के एक दिन बाद गुरुवार को इसे “सुनियोजित हत्या” करार दिया। उन्होंने नॉर्थ 24 परगना के नाजत स्थित राजबाड़ी पुलिस चौकी में 8 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि की है, लेकिन आरोपितों के नाम उजागर करने से इनकार कर दिया। इस बीच सवाल उठ रहे हैं कि क्या जेल में बंद तृणमूल नेता शेख शाहजहां का नाम शिकायत में शामिल है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इस संभावना को खारिज नहीं किया और कहा कि “जांच में सभी विवरण सामने आ जाएंगे।”

घोष की शिकायत के बाद भाजपा ने केंद्रिय एजेंसी से जांच की मांग की है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा कि यह घटना “जेल के अंदर की सच्चाई” उजागर करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि शाहजहां जेल में रहते हुए भी सक्रिय है और “वीआईपी सुविधाएं” पा रहा है। उन्होंने कहा कि यह दुर्घटना राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का प्रमाण है।

वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को खारिज कर दिया। तृणमूल कांग्रेस नेता बैश्वानर चट्टोपाध्याय ने कहा कि विपक्ष एक दुखद घटना का राजनीतिकरण कर रहा है और जांच से ही सच सामने आएगा।

बुधवार सुबह भोलानाथ घोष अपने छोटे बेटे सत्यजीत (32) के साथ बसीरहाट कोर्ट जा रहे थे, जहां उन्हें सीबीआई की सुनवाई में गवाही देनी थी। नाजत थाना क्षेत्र के बॉयरमारी पेट्रोल पंप के पास बासंती हाईवे पर उनकी कार की टक्कर एक 16-चक्के ट्रक से हुई। जोरदार टक्कर के बाद कार सड़क से नीचे पानी में गिर गई और सत्यजीत तथा चालक सहनूर मोल्ला (27) की मौके पर ही मौत हो गई। ट्रक चालक फरार हो गया और वाहन बाद में पानी के किनारे झुका हुआ मिला।

वहीं, स्थानीय सूत्रों ने ट्रक चालक की पहचान लाउखाली निवासी अलीम मोल्ला के रूप में की है, जो शिकायत में नामित 8 लोगों में से एक है। आरोप है कि एक अन्य व्यक्ति नजरुल मोल्ला ने उसे भागने में मदद की। हालांकि पुलिस ने आरोपितों की सूची की पुष्टि नहीं की है।

घोष के बड़े बेटे विश्वजीत ने बुधवार को ही दुर्घटना को “शाहजहां की साजिश” बताया था, लेकिन उस रात कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई। गुरुवार को लगभग 24 घंटे बाद परिवार ने औपचारिक रूप से पुलिस से संपर्क किया। देरी के बारे में पूछे जाने पर घोष के वकील कालीचरण मंडल ने कहा कि परिवार सदमे में था और घोष स्वयं भी घायल थे।

पुलिस ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। एक अधिकारी ने बताया, “अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन कार्रवाई की जाएगी।”

भोलानाथ घोष ने पुलिस चौकी के बाहर कहा, “दो लोगों की जान गई है। यह हादसा नहीं था। यह 100 पर्सेंट मर्डर है। हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं।”----------------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर