सदर अस्पताल में दवा व्यवस्था पर पार्षद ने उठाए गंभीर सवाल

अररिया, 25 दिसम्बर(हि.स.)।

अररिया सदर अस्पताल में मरीजों को जरूरी दवाएं उपलब्ध न होने तथा दूसरी ओर दवाओं को यूं ही कचरे में फेंक दिए जा रहे हैं।

सदर अस्पताल परिसर में जो पीछे में कई स्थानों पर जरूरी दवाओं को फेंक दिया गया।सदर अस्पताल की जरूरी दवाओं के फेंके जाने पर वार्ड संख्या 25 के पार्षद एवं कांग्रेस नेता आबिद हुसैन अंसारी ने गंभीर सवाल खड़े किए और दोषियों को शिनाख्त कर कार्रवाई की मांग की।

श्री अंसारी ने कहा कि दवाओं के फेंके जाने की घटना का सामने आना अत्यंत गंभीर और चिंताजनक है। यह स्थिति न केवल सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता को दर्शाती है, बल्कि सरकारी संसाधनों की बर्बादी और मरीजों की जान से खिलवाड़ का भी संकेत देती है।

स्थानीय स्तर पर प्राप्त जानकारी के अनुसार, अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज़ दवाओं के अभाव में काउंटरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। वहीं, दवा भंडारण और वितरण में लापरवाही के कारण बड़ी मात्रा में दवाओं के एक्सपायर होने की बात सामने आई है। इसके साथ ही यह भी आरोप है कि कई ऐसी दवाएँ, जो एक्सपायर नहीं थीं, उन्हें भी लापरवाहीवश नष्ट कर दिया गया।ऐसे में यह सवाल अत्यंत महत्वपूर्ण है कि जब सरकारी धन से दवाओं की ख़रीद की गई, तो वे समय रहते मरीजों तक क्यों नहीं पहुंची। दवा प्रबंधन में चूक किस स्तर पर हुई, और दवा नष्ट करने का निर्णय किसके निर्देश पर लिया गया,इन सभी बिंदुओं पर स्पष्टता और जांच आवश्यक है।

पार्षद आबिद हुसैन अंसारी ने मांग की कि सदर अस्पताल में दवा खरीद, भंडारण, वितरण और निस्तारण की प्रक्रिया की उच्च स्तरीय, स्वतंत्र और समयबद्ध जांच कराई जाए। साथ ही जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों पर सख़्त प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो।

वहीं मामले पर सिविल सर्जन डॉ के.के.कश्यप का ध्यान आकृष्ट करने पर जांच कर कार्रवाई की बात कही।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर