विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्धघुमंतू समुदाय के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी : जसवंत खत्री

जयपुर, 10 दिसंबर (हि.स.)। विश्व मानवाधिकार दिवस पर विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्धघुमंतू जनाधिकार समिति की ओर से सोमवार को मालवीय नगर स्थित पाथेय भवन सभागार में मानवाधिकार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री रहे, जबकि अध्यक्षता जेइसीआरसी के चांसलर ओपी अग्रवाल ने की।

मुख्य वक्ता जसवंत खत्री ने कहा कि घुमंतू समुदाय के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए समाज और सरकार को संयुक्त रूप से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार प्रकृति प्रदत्त हैं, लेकिन घुमंतू समुदाय आज भी पहचान, दस्तावेज़, आवास और सामाजिक सम्मान जैसे बुनियादी अधिकारों से वंचित है। उन्होंने मीडिया और प्रशासनिक तंत्र की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी समुदाय को अपराधी गिरोह के रूप में प्रस्तुत करना गलत है और ऐसे उल्लेखों पर प्रतिबंध लगना चाहिए। उन्होंने आदतन अपराधी अधिनियम को समाप्त करने की भी मांग की।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और अतिथियों के सम्मान के साथ हुई। वक्ताओं ने घुमंतू समुदाय के लिए दस्तावेज़ बनाने, सरकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने और बस्तियों को तोड़ने के बजाय पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग उठाई।

एडवोकेट रामधन टिटानिया, राकेश बीडावत, महेन्द्र सिंह राजावत, रामकिशोर योगी, एडवोकेट रामअवतार योगी और अन्य वक्ताओं ने समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ठोस नीति निर्माण पर जोर दिया।

कार्यक्रम में महेन्द्र सिंह, हरदयाल गौड़, प्रभुदयाल बावरी, घनश्याम बड़तिया, भैरूराम बंजारा, फौजसिंह पारधी, सन्नी सांसी, राहुल सिकलीगर, पांचू कंजर, गोपाल गुजराती, मुकेश गर्ग, शंभुदयाल योगी, ओमप्रकाश जेदिया, राजेन्द्र योगी, दीपक सांसी, रजनी शर्मा, मदन योगी सहित बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा और गणमान्यजन उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर