- प्रेम के माध्यम से भारत को विकसित देश बनाना चाहिए: डॉ. इंद्रेश कुमार
हैदराबाद, 13 दिसंबर (हि.स.)। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के तत्वाधान में शनिवार को हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय सभागार के पीजीआरआर दूरस्थ शिक्षा केंद्र में 'एक कौम, एक वतन- हिन्दुस्तान' विषय पर सेमिनार में का आयोजन किया गया। सेमिनार में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि जो लोग एक कौम, एक वतन और एक संविधान में विश्वास रखते हैं, उन्हें देश के सभी नागरिकों को एकजुट करना चाहिए और प्रेम के माध्यम से भारत को विश्व का सबसे विकसित देश बनाना चाहिए।
डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां अनेक भाषाओं और संस्कृतियों के लोग रहते और काम करते हैं। वे सभी एक ही ईश्वर में विश्वास रखते हैं, केवल भाषा का अंतर है। भारत में रहने वाले लोग अपना काम अपनी मातृभाषा में करते हैं। जिस प्रकार मुसलमान अपने पूजा स्थलों में अपने ईश्वर को अपनी भाषा में याद करते हैं, उसी प्रकार ईसाई, बौद्ध, सिख, हिंदू सभी अपने ईश्वर के समक्ष अपनी बात रखते हैं। ईश्वर सभी भाषाओं को जानता है। वह उन लोगों की भाषा भी जानता है जिनके पास बोलने के लिए जीभ नहीं है।
उन्होंने श्रोताओं से पूछा कि यदि इस सभा में कोई ऐसा व्यक्ति है जो फ्रेंच में सपने देखता है, तो वह बताए, या यदि वह चीनी में सपने देखता है, तो वह बताए। कोई भी भारतीय ऐसा नहीं है। इसी प्रकार, हम भारत के लोग, एक ही विचार रखते हैं। उन्होंने सभी को स्वस्थ रहने के लिए योग और अन्य आसनों के बारे में बताया और उन्हें नियमित रूप से इनका अभ्यास करने की सलाह दी।
सेमिनार में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. शाहिद अख्तर ने कहा कि प्रेम को फैलाने और घृणा को मिटाने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। हम एक कौम और एक सभ्यता व परंपरा के साथ आगे बढ़ें।
ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल (एआईएसएससी) कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष सैयद अली जकी हुसैन ने कहा कि देश भर के संतों ने हमेशा भाईचारे को बढ़ावा देने की बात कही है। हजरत ख्वाजा गरीब नवाज (रह.) से लेकर हजरत बंदा नवाज गेसूदराज (रह.) तक, जितने भी सूफी तथा संत भारत आए, सभी ने प्रेम और एकता का संदेश फैलाने का काम किया। उन्होंने घृणा को समाप्त करके लोगों के बीच प्रेम का सृजन किया। इसके माध्यम से ही शांति और सद्भाव स्थापित किया जा सकता है और यह मुस्लिम राष्ट्र मंच भी प्रेम को बढ़ावा देना और घृणा को समाप्त करना चाहता है।
जामिया हमदर्द के रजिस्ट्रार कर्नल ताहिर मुस्तफा ने सेमिनार का संचालन किया। डॉ. अब्दुल हक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. पीएफ रहमान और जाने-माने आंकोलॉजिस्ट डॉ. माजिद अहमद तालिकोटी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
हिन्दुस्थान समाचार/अब्दुल खालिक ---------------
हिन्दुस्थान समाचार / नागराज राव



