(वार्षिकी) सिंहस्थ-2028 की सुदृढ़ तैयारी: मोहन सरकार के संकल्प से 2025 बना उज्जैन के नव-विकास का आधार वर्ष
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- Dec 31, 2025
भोपाल, 31 दिसंबर (हि.स.)। उज्जैन में 2028 में होने वाला सिंहस्थ महाकुंभ मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और विकासात्मक क्षमता का वैश्विक प्रदर्शन होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में वर्ष 2025 को इसी दृष्टि से सिंहस्थ-2028 की तैयारी का आधार वर्ष बनाया गया। इस वर्ष सरकार ने योजनाओं को स्पष्ट दिशा, गति और जमीन पर ठोस क्रियान्वयन के साथ आगे बढ़ाया। शिप्रा नदी की स्वच्छता, सड़क चौड़ीकरण, यातायात प्रबंधन, शहरी अधोसंरचना और महाकाल लोक के विस्तार जैसे निर्णय यह दर्शाते हैं कि मोहन सरकार सिंहस्थ को स्थायी विकास से जोड़कर देख रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वयं कई मंचों से यह स्पष्ट कर चुके हैं कि सिंहस्थ-2028 सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा है, “सिंहस्थ केवल एक आयोजन नहीं है, यह उज्जैन की चेतना और मध्य प्रदेश की पहचान है। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि सिंहस्थ-2028 के लिए जो भी विकास कार्य हों, वे केवल कुछ दिनों के आयोजन तक सीमित न रहें, बल्कि उज्जैन के स्थायी विकास की नींव बनें।” मुख्यमंत्री के इस कथन में सरकार की दूरदर्शी सोच साफ दिखाई देती है।
सिंहस्थ की गति मानी जाने वाली शिप्रा नदी पर 2025 में विशेष ध्यान दिया गया। मोहन सरकार ने स्पष्ट किया कि इस बार शिप्रा की स्वच्छता केवल प्रतीकात्मक नहीं होगी, यह स्थायी समाधान के साथ सुनिश्चित की जाएगी। सीवरेज ट्रीटमेंट, प्रदूषित जल को शिप्रा में मिलने से रोकने, बैराज निर्माण और घाटों के सौंदर्यीकरण जैसे कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाया गया। मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में कहा, “शिप्रा का निर्मल और प्रवाहमान रहना सिंहस्थ की गरिमा से जुड़ा है। हम ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि शिप्रा वर्ष भर स्वच्छ रहे, न कि केवल सिंहस्थ के समय।” यह बयान स्पष्ट करता है कि सरकार पर्यावरण और आस्था के संतुलन को लेकर गंभीर है।
सड़क और यातायात व्यवस्था को लेकर भी 2025 में निर्णायक कदम उठाए गए। इंदौर-उज्जैन मार्ग का छह-लेन में विस्तार, वैकल्पिक संपर्क सड़कों का निर्माण और शहर के भीतर प्रमुख मार्गों का चौड़ीकरण सिंहस्थ-2028 की विशाल भीड़ को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इन परियोजनाओं से श्रद्धालुओं को सुगम आवागमन मिलेगा ही, साथ ही उज्जैन की आर्थिक और पर्यटन गतिविधियों को भी स्थायी गति मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए सड़क, यातायात और कनेक्टिविटी पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे।”
शहरी अधोसंरचना के क्षेत्र में भी 2025 उज्जैन के लिए बदलाव का वर्ष साबित हुआ। नए पुल, आपदा प्रबंधन केंद्र, अस्थायी आवासीय ढांचे, जलापूर्ति और स्वच्छता व्यवस्था को मजबूत किया गया। हजारों बायो-टॉयलेट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और आधुनिक कंट्रोल रूम जैसी योजनाएं यह दिखाती हैं कि सरकार सिंहस्थ-2028 को स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित आयोजन बनाना चाहती है। तकनीक आधारित प्रबंधन से भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को नई मजबूती देने की तैयारी है।
सिंहस्थ-2028 की तैयारी में 2025 का एक और महत्वपूर्ण आयाम रहा महाकाल लोक का विस्तार और चौड़ीकरण। विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन की पहचान का केंद्र है और सिंहस्थ के दौरान यहां श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। महाकाल लोक के पहले चरण ने उज्जैन को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित किया और अब इसके विस्तार की योजना सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखकर बनाई गई है। दर्शन मार्गों का चौड़ीकरण, पैदल पथों का विस्तार, सुरक्षा व्यवस्था और सौंदर्यीकरण के माध्यम से श्रद्धालुओं की सुविधा को सर्वोपरि रखा गया है।
डॉ. यादव ने महाकाल लोक के विस्तार को लेकर कहा है, “महाकाल लोक हमारी आस्था और संस्कृति का प्रतीक है। सिंहस्थ-2028 के दौरान करोड़ों श्रद्धालु यहां आएंगे, इसलिए हम ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि दर्शन सहज, सुरक्षित और स्मरणीय हों।” महाकाल लोक के चौड़ीकरण से आसपास के क्षेत्रों में यातायात दबाव कम होगा और पैदल श्रद्धालुओं की आवाजाही अधिक सुरक्षित बनेगी। सरकार की योजना है कि सिंहस्थ के दौरान वाहन और पैदल यातायात को अलग-अलग प्रबंधित किया जाए, जिससे अव्यवस्था की संभावना न्यूनतम रहे। यह व्यवस्था सिंहस्थ के बाद भी उज्जैन के धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई देगी।
पिछले सिंहस्थों की तुलना में मोहन यादव सरकार की तैयारी अधिक समयबद्ध, संगठित और दूरदर्शी दिखाई देती है। जहां पहले कई कार्य आयोजन के आसपास किए जाते थे, वहीं अब 2025 से ही स्थायी ढांचे तैयार किए जा रहे हैं। इसका लाभ केवल सिंहस्थ-2028 तक सीमित नहीं रहेगा, आगे उज्जैन के नागरिकों और भविष्य में आने वाले श्रद्धालुओं को भी मिलेगा।
कुल मिलाकर वर्ष 2025 सिंहस्थ-2028 की तैयारी में विश्वास, विकास और संकल्प का वर्ष बनकर सामने आया है। शिप्रा नदी की स्वच्छता, सड़क और यातायात सुधार, शहरी अधोसंरचना का विस्तार और महाकाल लोक का भव्य विकास इन सभी क्षेत्रों में मोहन सरकार के ठोस प्रयास यह संकेत देते हैं कि सिंहस्थ-2028 एक सफल आयोजन होगा। इसके साथ ही उज्जैन और मध्य प्रदेश के विकास की नई पहचान भी गढ़ेगा। ऐसे में दिखाई यही देता है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में की जा रही ये तैयारियां प्रदेश को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मजबूत आधार बन रही हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी



