बंगाल में एसआईआर : 27 दिसंबर से हर दिन 150 दावे और आपत्तियों की सुनवाई करेगा हर निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी

कोलकाता, 23 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत दावे और आपत्तियों की सुनवाई को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने बड़ा लक्ष्य तय किया है। 27 दिसंबर से प्रत्येक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी को प्रतिदिन 150 मामलों की सुनवाई करनी होगी। यह लक्ष्य इसलिए रखा गया है ताकि तय समय सीमा के भीतर पूरी प्रक्रिया पूरी कर अंतिम मतदाता सूची जारी की जा सके।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, विशेष गहन पुनरीक्षण के दूसरे और तीसरे चरण के कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए यह दैनिक लक्ष्य तय किया गया है। आयोग का उद्देश्य है कि सुनवाई की प्रक्रिया समय पर पूरी हो और 14 फरवरी 2026 तक अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करने में कोई देरी न हो।

सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में प्रतिदिन 100 मामलों की सुनवाई का लक्ष्य तय करने पर विचार किया गया था। हालांकि बाद में इसे बढ़ाकर 150 कर दिया गया, ताकि सुनवाई के बाद लिए गए फैसलों की समीक्षा के लिए पर्याप्त समय बचा रहे और अंतिम सूची जारी करने से पहले सभी मामलों की सही तरीके से जांच हो सके।

सुनवाई की प्रत्येक टेबल पर एक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी, एक सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी और एक माइक्रो पर्यवेक्षक तैनात रहेगा। इन माइक्रो पर्यवेक्षकों की नियुक्ति भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की गई है, जिनका काम पूरी सुनवाई प्रक्रिया पर नजर रखना होगा। ये माइक्रो पर्यवेक्षक केंद्र सरकार के कर्मचारी, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों या सार्वजनिक बैंकों के समूह बी श्रेणी के अधिकारी होंगे, जो वर्तमान में पश्चिम बंगाल में ही तैनात हैं।

सुनवाई के लिए नोटिस भेजने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो चुकी है। बूथ स्तर अधिकारी संबंधित मतदाताओं के घर जाकर दो प्रतियां सौंपेंगे। एक प्रति मतदाता अपने पास रखेगा, जबकि दूसरी प्रति हस्ताक्षर कर बूथ स्तर अधिकारी को वापस करनी होगी।

सुनवाई दो चरणों में होगी। पहले चरण में उन अनमैप्ड मतदाताओं को बुलाया जाएगा, जिनका 2002 की मतदाता सूची से न तो स्वयं का और न ही वंश मानचित्रण के जरिए कोई संबंध पाया गया है। दूसरे चरण में उन मामलों की सुनवाई होगी, जिनमें वंश मानचित्रण के दौरान संदिग्ध पारिवारिक विवरण सामने आए हैं।

मतदाता सूची का प्रारूप 16 दिसंबर को प्रकाशित किया जा चुका है। अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी। इसके तुरंत बाद भारत निर्वाचन आयोग अगले वर्ष प्रस्तावित पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर