एसआईआर के तहत पहले चरण में 32 लाख से ज्यादा ‘अनमैप्ड’ मतदाताओं की होगी सुनवाई

कोलकाता, 23 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत पहले चरण की सुनवाई में करीब 32 लाख अनमैप्ड मतदाताओं को बुलाया जाएगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों के मुताबिक, यह सुनवाई 27 दिसंबर से शुरू होगी। इस श्रेणी में वे मतदाता शामिल हैं, जिनके नाम 2002 की मतदाता सूची में परिवार के अन्य सदस्यों से जोड़े नहीं जा सके थे। गणना चरण के दौरान पूरे राज्य में कुल 31 लाख 68 हजार 424 अनमैप्ड मतदाता चिन्हित किए गए हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार सुबह बताया कि करीब 10 लाख मतदाताओं को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जबकि मंगलवार से शेष लगभग 22 लाख मतदाताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि सुनवाई की प्रक्रिया जिला मजिस्ट्रेट कार्यालयों, अनुमंडल कार्यालयों, विभिन्न सरकारी विभागों के परिसरों के साथ-साथ स्कूलों और कॉलेजों में आयोजित की जाएगी। हर सुनवाई की निगरानी माइक्रो ऑब्जर्वर की मौजूदगी में की जाएगी।

अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन मतदाताओं के मामलों में तार्किक विसंगतियां पाई गई हैं, उन्हें अगले चरण में लिया जाएगा। इसके लिए चुनाव आयोग से दिशा-निर्देश मांगे गए हैं।

इस बीच, करीब चार हजार माइक्रो ऑब्जर्वरों के प्रशिक्षण का आयोजन 24 दिसंबर को कोलकाता में दो चरणों में किया जाएगा।

अधिकारियों के अनुसार, सभी माइक्रो ऑब्जर्वर राज्य सरकार के अधिकारी हैं। इससे पहले दिन में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि माइक्रो ऑब्जर्वरों को स्थानीय बंगाली भाषा का पर्याप्त ज्ञान नहीं है।

वहीं, चुनाव आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल भी राज्य का दौरा करेगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, आयोग के प्रधान सचिव एस. बी. जोशी और उप सचिव अभिनव अग्रवाल राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रगति की समीक्षा के लिए आएंगे। दोनों अधिकारी 24 दिसंबर को होने वाले माइक्रो ऑब्जर्वरों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर