बंगाल एसआईआर : वंश मानचित्रण में सीमावर्ती तीन जिलों में सबसे ज्यादा संदिग्ध मतदाता

कोलकाता, 23 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत चल रहे वंश मानचित्रण में भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे तीन जिलों में सबसे अधिक संदिग्ध मतदाताओं के मामले सामने आए हैं। इन जिलों में मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना शामिल हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

सूत्रों के अनुसार, वंश मानचित्रण के दौरान कुल 1.36 करोड़ संदिग्ध मामलों की पहचान की गई है। इनमें सबसे ज्यादा लगभग 4.08 लाख मामले अल्पसंख्यक बहुल और सीमावर्ती जिला मुर्शिदाबाद में दर्ज हुए हैं। इसके बाद दक्षिण 24 परगना जिले में ऐसे 3.78 लाख संदिग्ध मतदाता पाए गए हैं। तीसरे स्थान पर उत्तर 24 परगना जिला है, जहां ऐसे मतदाताओं की संख्या दो लाख से कुछ अधिक बताई गई है।

वंश मानचित्रण के दायरे में वे मतदाता आते हैं, जिनका नाम 2002 की मतदाता सूची में दर्ज नहीं था, लेकिन उनके माता या पिता का नाम उस सूची में मौजूद था। वर्ष 2002 में ही पश्चिम बंगाल में आखिरी बार एसआईआर किया गया था।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, वंश मानचित्रण के दौरान विशेष तकनीक के इस्तेमाल से कई अजीब पारिवारिक विवरण सामने आए। इनमें ऐसे मतदाता भी शामिल हैं, जिनका नाम 2002 की सूची में नहीं था, जबकि उस समय उनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए थी। इसके अलावा कुछ मामलों में 15 वर्ष या उससे कम उम्र में पिता बनने, 40 वर्ष या उससे कम उम्र में दादा बनने और माता-पिता का नाम एक जैसा होने जैसी विसंगतियां पाई गईं।

इन सभी संदिग्ध मामलों को दावे और आपत्तियों की सुनवाई के दौरान बुलाया जाएगा। यह सुनवाई 27 दिसंबर से शुरू होगी। हालांकि, ऐसे मतदाताओं को दूसरे चरण की सुनवाई में बुलाया जाएगा। पहले चरण में उन अनमैप्ड मतदाताओं को बुलाया जाएगा, जिनका 2002 की सूची से न तो स्वयं का और न ही वंश के जरिए कोई संबंध पाया गया है। ऐसे अनमैप्ड मतदाताओं की संख्या 30 लाख से अधिक बताई गई है।

मतदाता सूची का प्रारूप 16 दिसंबर को प्रकाशित किया जा चुका है। अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी। इसके बाद भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर