एसआईआर : तृणमूल विधायक के परिवार को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजकर सुनवाई के लिए बुलाया

कोलकाता, 26 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। पूर्व बर्दवान जिले के खंडघोष विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस विधायक नवीन चंद्र बाग की मां, भाई और भाई की पत्नी को चुनाव आयोग द्वारा सुनवाई के लिए नोटिस भेजे जाने पर राजनीतिक हलकों में हंगामा मच गया है।

विवाद की वजह यह है कि जिन तीनों लोगों को सुनवाई के लिए बुलाया गया है, उनके नाम वर्ष 2002 की मतदाता सूची में दर्ज थे। वर्ष 2002 में ही राज्य में पिछली बार विशेष गहन पुनरीक्षण हुआ था। इसके बावजूद सुनवाई का नोटिस मिलने से विधायक नवीन चंद्र बाग ने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाए हैं।

नवीन चंद्र बाग ने आरोप लगाया कि वह तृणमूल कांग्रेस के विधायक हैं, इसी वजह से उनके परिवार के सदस्यों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी मां, भाई और भाई की पत्नी के नाम पहले से मतदाता सूची में मौजूद हैं, फिर भी उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया गया।

विधायक का दावा है कि यह कार्रवाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर की गई है, जिससे उनके परिवार पर मानसिक दबाव बना। उन्होंने यह भी कहा कि नोटिस मिलने के बाद उनकी मां घबरा गईं।

हालांकि, पूर्व बर्दवान जिले में भाजपा के नेताओं ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। स्थानीय भाजपा नेता मृत्युंजय चंद्र ने कहा कि तृणमूल विधायक लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई बार नाम की वर्तनी या अन्य तकनीकी कारणों से मतदाताओं को सुनवाई के लिए बुलाया जाता है।

भाजपा नेता का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस अवैध बांग्लादेशी मतदाताओं के नाम सूची से हटाने की प्रक्रिया को लेकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है, लेकिन इसमें उसे सफलता नहीं मिलेगी।

नवीन चंद्र बाग वर्ष 2011 से खंडघोष विधानसभा क्षेत्र से लगातार विधायक हैं। वर्ष 2011 से 2016 तक वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के विधायक रहे। इसके बाद उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थामा और वर्ष 2016 तथा 2021 में सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतने में सफल रहे।

मतदाता सूची के मसौदे पर दावे और आपत्तियों की सुनवाई शनिवार से शुरू होगी। अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद चुनाव आयोग राज्य में होने वाले अहम विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर