हिमाचल में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के बीच सरकार सख्त, अस्पताल सेवाएं बाधित न होने के आदेश, एसओपी जारी

शिमला, 27 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में रेजिडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज से शुरू होने के बीच राज्य सरकार ने मरीजों की देखभाल प्रभावित न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए हैं। चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) ने सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और उनसे जुड़े अस्पतालों के लिए कड़े मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी किए हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि हड़ताल के बावजूद जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी हालत में बाधित नहीं होंगी और लापरवाही पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डीएमईआर की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं पहले की तरह 24 घंटे और सातों दिन जारी रहेंगी। इमरजेंसी में तैनात जूनियर रेजिडेंट, सीनियर रेजिडेंट और फैकल्टी सदस्य हर समय उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा ओपीडी सेवाएं भी नियमित रूप से चलेंगी और इनडोर मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी। वार्ड राउंड रोजाना अनिवार्य रूप से किए जाएंगे ताकि भर्ती मरीजों के इलाज में कोई कमी न आए।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि हड़ताल की अवधि में नियमित वैकल्पिक ऑपरेशन थिएटर बंद रहेंगे, लेकिन सभी आपातकालीन सर्जरी तय प्रोटोकॉल के अनुसार की जाएंगी। रेडियोलॉजी सेवाओं में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी जांचें इमरजेंसी और भर्ती मरीजों के लिए प्राथमिकता के आधार पर जारी रहेंगी। वहीं पैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी लैब में सभी सैंपलों की जांच बिना किसी रुकावट के की जाएगी। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेजों में अंडरग्रेजुएट पढ़ाई, प्रशिक्षण और परीक्षाएं अपने तय कार्यक्रम के अनुसार चलती रहेंगी।

डीएमईआर ने इन आदेशों के तहत प्राचार्यों और विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी भी तय कर दी है। सभी विभागाध्यक्षों को ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी सेवाओं के लिए कंसल्टेंट डॉक्टरों की ड्यूटी रोस्टर बनाने के निर्देश दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य रोजाना शाम चार बजे मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और सभी एचओडी के साथ बैठक कर सेवाओं की समीक्षा करेंगे और इसकी रिपोर्ट डीएमईआर को भेजेंगे। इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर फैकल्टी की शीतकालीन छुट्टियां रद्द करने का भी अधिकार प्राचार्यों को दिया गया है, ताकि सेवाएं सुचारू बनी रहें।

आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी प्राचार्य, अतिरिक्त निदेशक, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और उप चिकित्सा अधीक्षक इस अवधि में मुख्यालय में मौजूद रहेंगे और किसी भी प्रकार की छुट्टी पर नहीं जाएंगे। एसओपी का उल्लंघन करने या आवश्यक सेवाओं में बाधा डालने पर संबंधित के खिलाफ नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

उधर, रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का ऐलान आईजीएमसी शिमला से शुरू हुए विवाद के बाद किया गया है। मरीज से मारपीट के मामले में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर राघव नरूला की बर्खास्तगी के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर आज सुबह 9:30 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा