धमतरी : कृषि महाविद्यालय के छात्रों किसानों को बताया लाइट ट्रैप का महत्व

धमतरी, 29 नवंबर (हि.स.)। ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव रावे कार्यक्रम के तहत कृषि महाविद्यालय के चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा ग्राम बानगर में किसानों तथा महिला स्व–सहायता समूह की महिलाओं को लाइट ट्रैप, येलो स्टिकी प्रपंच और शाकनाशियों के सुरक्षित एवं वैज्ञानिक उपयोग संबंधी व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया। यह कार्यशाला डीन डा नवनीत राणा के निर्देशन में, समन्वयक डा भूमिका हत्गिया के मार्गदर्शन तथा डा उमेश दास की उपस्थित में आयोजित की गई।

प्रशिक्षण में विद्यार्थियों ने किसानों को लाइट ट्रैप के कार्य सिद्धांत, कीटों की निगरानी एवं जनसंख्या अनुमान की तकनीक की विस्तृत जानकारी दी। खेत में लाइट ट्रैप का लाइव प्रदर्शन कर कीट पहचान, ट्रैप लगाने की सही ऊंचाई, दूरी और उपयुक्त स्थान चयन जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं को समझाया गया। इसी तरह येलो स्टिकी प्रपंच के महत्व पर भी किसानों को प्रशिक्षित किया गया। विद्यार्थियों ने बताया कि यह तकनीक रस-चूसक कीटों- जैसे एफिड, वाइटफ्लाई और थ्रिप्स के प्रभावी प्रबंधन में उपयोगी है। प्रशिक्षण में ट्रैप की फसल की छत्रक ऊंचाई पर स्थापना, पीले रंग की कीट आकर्षण क्षमता, ट्रैप परिवर्तन के अंतराल तथा प्रति एकड़ आवश्यक ट्रैप संख्या पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। खेत में ट्रैप लगाकर किसानों को प्रारंभिक कीट नियंत्रण के महत्व का प्रदर्शन भी किया गया।

कार्यक्रम के दौरान किसानों को शाकनाशियों के सुरक्षित उपयोग के संबंध में भी जागरूक किया गया। इसमें अनुशंसित मात्रा, सही नोज़ल का चयन, पीपीई किट दस्ताने, मास्क, एप्रन का अनिवार्य उपयोग, छिड़काव का सही समय, हवा की दिशा, तथा छिड़काव के बाद उपकरणों की सफाई जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया गया। विद्यार्थियों ने गलत मिश्रण, अधिक मात्रा के उपयोग और बिना सुरक्षा उपकरणों के छिड़काव से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति भी सतर्क किया। कार्यक्रम में ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। किसानों ने प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताया और कहा कि वे इन वैज्ञानिक तकनीकों को अपनी फसल सुरक्षा पद्धतियों में अवश्य अपनाएँगे।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा