सुचेता कृपलानी ने राष्ट्र सेवा के लिए दिया व्यक्तिगत बलिदान: अरविन्द मोहन
- Admin Admin
- Nov 29, 2025

नई दिल्ली, 29 नवंबर (हि.स.)। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अरविन्द मोहन ने शनिवार को कहा कि राष्ट्र सेवा के लिए स्वतंत्रता सेनानी सुचेता कृपलानी ने अपने व्यक्तिगत जीवन में महत्वपूर्ण बलिदान दिया ताकि राष्ट्रीय आंदोलन का कार्य बिना बाधा के सुचारू रूप से चलता रहे।
मोहन ने यह बात दिल्ली स्थित हिंदी भवन में सुचेता की 51वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित ‘सुचेता स्मृति व्याख्यान–2025’ कार्यक्रम में कही, जो देश की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं। इस कार्यक्रम को आचार्य कृपलानी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें कृपलानी के राष्ट्र निर्माण में असाधारण योगदान को याद किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार और लेखक अरविन्द मोहन तथा अध्यक्ष इतिहासकार डॉ भगवान सिंह ने सुचेता कृपलानी को पुष्पांजलि अर्पित की। यह कार्यक्रम कृपलानी की पुण्यतिथि (1 दिसंबर) से ठीक पहले आयोजित किया गया। इस व्याख्यान का विषय सुचेता कृपलानी के अवदान था।
अरविन्द मोहन ने बताया कि राष्ट्र सेवा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली विवाहित कई महिलाओं की तरह ही सुचेता कृपलानी ने भी व्यक्तिगत जीवन में बड़ा बलिदान दिया। उन्होंने शादी के समय बच्चे पैदा न करने का दृढ़ फैसला लिया ताकि राष्ट्रीय आंदोलन के कार्य में कोई बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने किशन पटनायक और उनकी पत्नी वाणी, दुर्गाबाई देशमुख और असम की चंद्रप्रभा सैकिया जैसी महिलाओं के व्यक्तिगत जीवन पर प्रकाश डाला।
अरविन्द मोहन ने बताया कि गांधीजी ने अपने अनुयायियों को एक फौज की तरह तैयार किया, सबने लड़ाई लड़ी, लेकिन उन्होंने कुछ चुनिंदा महिलाओं को ही नेतृत्व करने का अधिकार दिया, जिनमें सुचेता कृपलानी भी शामिल थीं। उन्होंने बताया कि उस दौर में छुआछूत और अन्य सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध भी तीखा संघर्ष हुआ।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान समाजवादियों में से कुछ समाजवादी डॉ. राममनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण (जेपी), आचार्य जे. बी. कृपलानी, और सुचेता कृपलानी के व्यक्तिगत त्याग और राष्ट्र के प्रति समर्पण को याद करते हुए डॉ. भगवान सिंह ने कहा, “ जो देश अपने पूर्वजों के त्याग और कृतियों को याद नहीं करता, वह उन्नति नहीं कर पाता।” उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे अपनी आने वाली पीढ़ी को इन महान विभूतियों के आदर्शों के बारे में और उनके विचारों को उन तक पहुंचाएं।
व्याख्यान से पहले, नई कलाकार गायिका अनुश्री मिश्रा ने ‘रघुपति राघव राजा राम... पतित पावन सीताराम..’भजन और देशभक्ति के गानों पर अपनी प्रस्तुति दी जबकि हारमोनियम वादक विवेक नेगी थे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य, देश के प्रमुख समाजवादी स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं के त्याग, आदर्शों और वैचारिक विरासत को याद करना तथा वर्तमान पीढ़ी तक पहुंचाना था।----------------
हिन्दुस्थान समाचार / श्रद्धा द्विवेदी



