हिसार : नशे की अंधेरी गलियों से टूटते परिवारों को संबल दे रहा सुकून केंद्र
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- Dec 23, 2025
हिसार, 23 दिसंबर (राजेश्वर बैनीवाल)। नशा आज समाज के लिए सबसे बड़ा अभिशाप बन चुका है। यह केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार की खुशहाली, सुरक्षा और भविष्य को भी निगल रहा है। जब घर का कोई सदस्य नशे की गिरफ्त में आता है, तो उसका सीधा असर पत्नी, बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता पर पड़ता है। आर्थिक तंगी, घरेलू हिंसा, बच्चों की पढ़ाई में बाधा और महिलाओं पर बढ़ता मानसिक दबाव, ये सभी नशे की भयावह सच्चाइयां हैं, जो कई हंसते-खेलते परिवारों को बिखेर देती हैं।नशे के कारण अनेक महिलाएं कम उम्र में ही विधवा हो जाती हैं, कई महिलाएं मजबूरी में मजदूरी करने को विवश होती हैं और कई बच्चों को पढ़ाई छोड़कर काम करना पड़ता है। कुछ मामलों में बच्चे भी नशे की राह पकड़ लेते हैं, जिससे पीढ़ियों तक इसका दुष्प्रभाव देखने को मिलता है। इन्हीं पीड़ित परिवारों को संबल देने के उद्देश्य से हरियाणा स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर, स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला नागरिक अस्पताल में स्थापित सुकून केंद्र एक आशा की किरण बनकर उभरा है। अब तक इस केंद्र के माध्यम से 870 से अधिक पीड़ितों को काउंसलिंग, कानूनी सहायता, चिकित्सकीय सहयोग और सुरक्षा संबंधी मार्गदर्शन प्रदान किया जा चुका है।जब नशा बना घरेलू हिंसा की वजह: सुकून केंद्र में पहुंचे दर्दनाक मामलेजिला हिसार के समीप एक गांव की 25 वर्षीय महिला, जिसकी शादी सिरसा जिले में हुई थी, शादी के कुछ वर्षों बाद पति की नशे की लत का शिकार हो गई। नशे की हालत में पति द्वारा मारपीट, गाली-गलौज और घर से निकाल देना आम हो गया। स्थिति इतनी भयावह हो गई कि नशे के लिए पैसे न देने पर वह अपनी मां और पत्नी को जान से मारने का प्रयास करने लगा। पीड़ित मां-बहू सुकून केंद्र पहुंचीं, जहां उनकी काउंसलिंग कर सुरक्षा संबंधी जानकारी दी गई, आत्मविश्वास बढ़ाया गया तथा महिला थाना में शिकायत दर्ज कराकर कानूनी कार्रवाई में सहयोग किया गया। साथ ही नशे से ग्रस्त व्यक्ति को नशा मुक्ति उपचार के लिए प्रेरित किया गया।पति ने किया प्रताड़ित, ली सहायताजिला हिसार निवासी 33 वर्षीय महिला, जिनकी शादी भिवानी जिले में हुई थी और जो एक विभाग में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं, को शादी के कुछ वर्षों बाद पता चला कि पति नशे का आदी है। जब महिला ने पति को नशा छोड़ने के लिए कहा, तो उसने उल्टा पत्नी पर आरोप लगाने शुरू कर दिए। विरोध करने पर मारपीट और मानसिक उत्पीड़न बढ़ गया। पीड़िता ने सुकून केंद्र में पहुंचकर सहायता ली, जहां काउंसलिंग के माध्यम से उसे महिला अधिकारों, कानूनी विकल्पों और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी गई।प्रेम विवाह करने वाली युवती भी हुई प्रताड़ितजिला की एक कॉलोनी निवासी 19 वर्षीय युवती ने प्रेम विवाह किया था। शादी के मात्र सात माह के भीतर ही पति ने पत्नी के नाम से कई ऋण ले लिए और पूरी राशि नशे में खर्च कर दी। इसके बाद ऋण चुकाने का दबाव पत्नी पर बनाने लगा। विरोध करने पर नशे की हालत में उसके साथ गंभीर मारपीट की गई। घायल अवस्था में महिला सुकून केंद्र पहुंची, जहां उसका तत्काल चिकित्सकीय उपचार कराया गया, संबंधित थाना में शिकायत दर्ज करवाई गई तथा काउंसलिंग के माध्यम से उसे कानूनी, व्यावहारिक एवं सुरक्षा संबंधी मार्गदर्शन दिया गया।महिलाओं के लिए ये सुझाव अहम महिलाएं ऋण लेते समय स्वयं हस्ताक्षर करें और ऋण राशि का उपयोग स्वरोजगार या सुरक्षित उद्देश्य के लिए ही करें, नशा करने वाले या ऑनलाइन जुआ खेलने वाले पति को एटीएम कार्ड, पासबुक और महत्वपूर्ण दस्तावेज न दें, यदि परिवार का कोई सदस्य नशे से ग्रस्त है तो उसे उपचार के लिए नशा मुक्ति केंद्र अवश्य ले जाएं, घरेलू हिंसा को चुपचाप सहन न करें और समय रहते सहायता के लिए आगे आएं, हिंसा से पीड़ित महिलाएं सुकून केंद्र तथा महिला हेल्पलाइन 112/1091, महिला थाना एवं महिला आयोग में शिकायत अवश्य दर्ज कराएं। सुकून केंद्र में उपलब्ध प्रमुख सेवाएंनिःशुल्क काउंसलिंग सेवाएं, महिला अधिकारों से संबंधित जानकारी, आवश्यक चिकित्सकीय जांच एवं उपचार, पुलिस में शिकायत दर्ज कराने हेतु मार्गदर्शन, निःशुल्क कानूनी सलाह व सहयोग, अन्य सरकारी योजनाओं एवं सहायक नेटवर्क से संपर्क, आवश्यकता अनुसार फॉलो-अप सहायता आदि शामिल हैं। नई शुरूआत का माध्यमसुकून काउंसलर राहुल शर्मा ने कहा कि सुकून केंद्र आज नशे और घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं व परिवारों के लिए केवल एक सहायता केंद्र नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत का माध्यम बन चुका है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर



