टीए ने कुपवाडा में नए रंगरूटों की शपथ ग्रहण परेड का पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ आयोजन किया
- Admin Admin
- Dec 26, 2025
कुपवाडा, 26 दिसंबर (हि.स.)। प्रादेशिक सेना (टीए) ने गुरुवार को कुपवाडा में नए रंगरूटों की शपथ ग्रहण परेड का पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ आयोजन किया जो उनकी औपचारिक सेवा में शामिल होने का प्रतीक था।
अधिकारियों ने बताया कि रंगरूटों को प्रादेशिक सेना के कुपवाडा टेरियर्स में शामिल किया गया और उन्होंने सम्मान, निष्ठा और निस्वार्थ समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा करने की शपथ की पुष्टि की।
उन्होंने कहा कि यह समारोह युवा सैनिकों, उनके माता-पिता और क्षेत्र के लिए समान रूप से गौरवपूर्ण और महत्वपूर्ण अवसर था। वरिष्ठ सेना अधिकारियों, नागरिक गणमान्य व्यक्तियों, रंगरूटों के परिवारों और स्थानीय समुदाय के सदस्यों ने परेड देखी। इस कार्यक्रम में सैनिकों के त्रुटिहीन अभ्यास, अनुशासन और उच्च मनोबल का प्रदर्शन हुआ, जो प्रादेशिक सेना की व्यावसायिकता और तत्परता को दर्शाता है।
सैनिकों को संबोधित करते हुए समीक्षा अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव, यूवाईएसएम, एवीएसएम, एसएम, जीओसी 15 कोर ने युवा सैनिकों को बधाई दी और राष्ट्रीय सुरक्षा के एक मजबूत स्तंभ के रूप में टीए की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से कुपवाडा जैसे चुनौतीपूर्ण वातावरण में।
पांच साल के अंतराल के बाद नवंबर 2024 में वज्र डिवीजन के तत्वावधान में टीए बटालियन के लिए भर्ती अभियान शुरू हुआ। इस अभियान में कुपवाड़ा और बांदीपोरा के युवाओं ने अभूतपूर्व भागीदारी दिखाई। अंततः 313 उम्मीदवारों को जबलपुर स्थित जम्मू और कश्मीर रेजिमेंटल सेंटर में कठोर प्रशिक्षण के लिए चुना गया।
शपथ ग्रहण परेड चयनित व्यक्तियों के सफल सैन्य प्रशिक्षण की परिणति थी। शपथ ग्रहण परेड का स्थानीय आबादी पर गहरा और उत्साहवर्धक प्रभाव पड़ा। प्रादेशिक सेना की उपस्थिति और इस तरह के औपचारिक आयोजन ने क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता की भावना को मजबूत किया। निवासियों ने स्थानीय युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होते देखकर गर्व व्यक्त किया और इसे युवा पीढ़ी के लिए आशा, देशभक्ति और रचनात्मक जुड़ाव का प्रतीक माना। इस आयोजन ने सेना और नागरिक आबादी के बीच संबंधों को भी मजबूत किया। सैनिकों, अधिकारियों और स्थानीय लोगों के बीच संवाद ने आपसी सम्मान और विश्वास को बढ़ावा दिया, जिससे सुरक्षा, शांति और विकास के लिए एक बल के रूप में सेना की छवि और मजबूत हुई।
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह



