पुरानी नौकरी में लौटे शिक्षक बिना वेतन, आर्थिक संकट में परिवार
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- Dec 26, 2025
पूर्व मेदिनीपुर, 26 दिसंबर (हि. स.)। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पुरानी प्राथमिक शिक्षक की नौकरी में दोबारा योगदान देने के बावजूद कई शिक्षक अब तक वेतन से वंचित हैं। वेतन न मिलने से शिक्षक गहरे आर्थिक संकट में फंस गए हैं। किसी की बैंक ऋण की किस्त नहीं चुक पा रही, तो किसी का घरेलू खर्च चलाना मुश्किल हो गया है।
जानकारी के अनुसार, तीन अप्रैल 2016 की स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) पैनल रद्द होने के बाद राज्य में लगभग 26 हजार शिक्षक और शिक्षाकर्मी नौकरी से बाहर हो गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि जो शिक्षक अन्य सरकारी नौकरी छोड़कर 2016 के एसएससी पैनल से नियुक्त हुए थे, वे चाहें तो अपनी पुरानी नौकरी में लौट सकते हैं।
इसी आदेश के तहत पूर्व मेदिनीपुर जिले में 38 शिक्षक प्राथमिक स्कूलों में लौटने के लिए आवेदन करते हैं। सभी दस्तावेजों की जांच के बाद जिला प्राथमिक विद्यालय परिषद ने 29 अक्टूबर को नियुक्ति पत्र जारी किया। इनमें से नौ शिक्षक नवंबर में ही अपनी पुरानी नौकरी में योगदान दे चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें नवंबर का वेतन नहीं मिला है। दिसंबर का वेतन मिलेगा या नहीं, इसे लेकर भी असमंजस बना हुआ है।
शुक्रवार सुबह तमलुक दक्षिण सर्कल के कंथीबाड़ी अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक कार्तिक आदक ने बताया कि वेतन न मिलने के कारण बैंक ऋण की किस्त नहीं चुका पा रहे हैं, जिससे उनका सिबिल स्कोर भी खराब हो रहा है। शिक्षकों ने मांग की है कि जल्द से जल्द वेतन भुगतान की व्यवस्था की जाए।
इस मामले पर जिला प्राथमिक विद्यालय परिषद के अध्यक्ष हबीबुर रहमान ने कहा कि जिन शिक्षकों ने पहले प्राथमिक की नौकरी छोड़कर हाईस्कूल में कार्यभार संभाला था, उनके नाम उस समय प्राथमिक पोर्टल से हट गए थे। अब उन्हें दोबारा पोर्टल में शामिल करने और वेतन फिक्सेशन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। उम्मीद है कि चालू महीने में ही शिक्षकों को वेतन मिल जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता



