पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कांग्रेस से मांगा 55 साल के शासन पर श्वेत पत्र, कहा: बीजेपी ने मनरेगा को किया मजबूत
- Neha Gupta
- Dec 28, 2025

जम्मू, 28 दिसंबर । वरिष्ठ भाजपा नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बाली भगत ने रविवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए प्रस्तावित ‘मनरेगा बचाओ’ आंदोलन को महज एक चुनावी दिखावा करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस महात्मा गांधी के नाम का इस्तेमाल केवल अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बचाने के लिए कर रही है। एक कड़े बयान में बाली भगत ने कांग्रेस को उसके 55 वर्षों के शासनकाल पर श्वेत पत्र जारी करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राजनीति धोखे और वंशवाद के इर्द-गिर्द घूमती रही है। भगत ने सवाल उठाया कि कांग्रेस ने अपने लंबे शासन में वास्तव में कितनी योजनाएं महात्मा गांधी के नाम पर शुरू कीं, जबकि अधिकांश योजनाएं जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर रखी गईं।
मनरेगा को लेकर कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए बाली भगत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस योजना को कमजोर नहीं बल्कि और मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने मनरेगा के तहत रोजगार के दिनों की संख्या और मजदूरी, दोनों में वृद्धि की है। ऐसे में कांग्रेस यह स्पष्ट करे कि वह किस बात का विरोध कर रही है। कांग्रेस की विचारधारा पर सीधा प्रहार करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि महात्मा गांधी ने भारत के लिए ‘राम राज्य’ की कल्पना की थी, लेकिन कांग्रेस भारत की सभ्यतागत परंपराओं से असहज महसूस करती है। उन्होंने दावा किया कि योजना का नाम बदलकर वीबी–ग्राम रोजगार रखा गया, ताकि गांधी के आदर्शों को सही मायनों में प्रतिबिंबित किया जा सके। बाली भगत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की राजनीति भगवान राम के नाम से डरती है।
उन्होंने कांग्रेस पर वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने लाल बहादुर शास्त्री और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे महान नेताओं की उपेक्षा की, जबकि एक ही परिवार का महिमामंडन किया गया। अपने बयान के अंत में बाली भगत ने कहा कि भाजपा प्रदर्शन, पारदर्शिता और वास्तविक सुधारों की राजनीति में विश्वास रखती है, जबकि कांग्रेस केवल नारों, प्रतीकों और तोड़े-मरोड़े इतिहास के सहारे जिंदा है। उन्होंने दावा किया कि जनता कांग्रेस की सच्चाई समझ चुकी है और ऐसे आंदोलन उसे चुनावी हार से नहीं बचा सकते।



