रांची, 11 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शीतकालीन सत्र के समापन भाषण में विपक्ष को निशाने पर रखा। उन्होंने कहा कि मुद्दाविहीन विपक्ष के पास राज्य से संबंधित कोई भी सवाल नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम सरकार के कामों का आइना दिखाना है, लेकिन ये सदन से गायब हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार के अभी एक साल पूरे नहीं हुए हैं। लेकिन एक साल में लंबी और गाढ़ी लकीर खींच दी है। राज्य ने सर्वांगीण विकास की राह में तेजी से चलना शुरू कर दिया है। यह शीतकालीन सत्र ही नहीं बल्कि न भूलने वाला विधानसभा का 25वां वर्ष भी है। युवा राज्य ऊर्जा से लवरेज और आगे बढ़ने को तत्पर है।
सत्र शुरू होने से लेकर समाप्ति तक विपक्ष के गायब रहने के पीछे कई कारण हैं। उनके पास न मुद्दा है, न सवाल है न तर्क है और न संवेदना है। विपक्ष ने सवालों से घेरने का प्रयास भी नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने पहले छात्रवृत्ति का मुद्दा उठाया, लेकिन इसमें भी केंद्र सरकार का सौतेला व्यवहार परिलक्षित हो रहा है। विपक्ष को सवाल उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। अपने आला-नेताओं से विचार-विमर्श करना चाहिए। विपक्ष की ओर से राज्य के कई बजट में भी कटौती कराई गई तो कई स्कूलों को बंद करा दिया गया।
केंद्र ने कर सभी छात्रवृत्तियों में कटौति
केंद्र सरकार ने दलित आदिवासी पिछड़ों के साथ अनुसूचित जाति को उच्च शिक्षा में मिलने वाली छात्रवृत्ति में 90 फीसदी, विदेश छात्रवृत्ति में 95 फीसदी, अल्पसंख्यक प्री मैट्रिक में 40 फीसदी, पोस्ट मैट्रिक में 63 फीसदी, मेधा आधारित छात्रवृत्ति टेक्नीकल और व्यवसायिक में 75 फीसदी और तकनीकी शिक्षण संस्थान के अनुदान में 61 फीसदी की कटौती कर दी। ऐसी स्थिति में विपक्ष की मांग उचित नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुजी क्रेडिट कार्ड में 15 लाख रुपए का ऋण सिर्फ चार फीसदी व्याज पर उपलब्ध कराया जा रहा है। सावित्री बाई फूले योजना चलाई जा रही है। प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर सरकार स्कूलों को खड़ा कर रही है। उन्होंने कहा कि कई जगह छात्रवृत्ति में बढ़ोत्तरी हुई है। धीरे-धीरे शिक्षा में नया आयाम जुड़ रहा है। राज्य में कई बड़े प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी की स्थापना की जा रही है। सरकार की ओर से 25 साल का रोडमैप बनाया गया है। साथ ही छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि एक बेहतर भविष्य के साथ राज्यवासी आगे जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 7721 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश हुआ है। विपक्ष की ओर से इसमें बढ़ोत्तरी का सुझाव होना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि देश के विकास में झारखंड की अहम भूमिका रही है। यहां से रेलवे को देश भर से सबसे अधिक राजस्व मिलता है। लेकिन इसके बदले हमें धूल मिट्टी पलायन और प्रदूषण मिलता है।
हमारा राशन, हमारा वोट, हमारी बिजली और बदले में हम सभी का ही घर तोड़ा जाता है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में वंदे मातरम पर बहस हो रही है। क्या इससे गरीबी खत्म होगी या इससे रोजगार का सृजन होगा।
उन्होंने कहा कि इंडिगो जैसी घटना से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में जब भी कोई घटना होती है तो ये लोग दूसरे मुद्दों से लोगों को भटकाते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे



