(वार्षिकी) दिल्ली की आठवीं विधानसभा में तीन सत्र, ई-विधानसभा, सौर ऊर्जा और ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस का हुआ आयोजन

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा में 2025 में तीन सत्र, ई-विधानसभा, सौर ऊर्जा और ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। दिल्ली की आठवीं विधानसभा के तीन सत्रों के दौरान सीएजी की कई रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत की गई। इसके साथ ही दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक लाख करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया और दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक पास हुआ।

दिल्ली की आठवीं विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी से 3 मार्च तक चला। इस सत्र के दौरान कुल 18 घंटे 18 मिनट विधानसभा की कार्यवाही चली। सदन की बैठकें 24, 25, 27, 28 फरवरी और 03 मार्च को आयोजित की गईं। इन पांच बैठकों के दौरान कुल 18 घंटे 18 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली। पांच दिनों तक विभिन्न अवसरों पर कुल 126 सदस्यों ने सदन में अपने विचार व्यक्त किए। सदस्यों ने पहले दिन 24 फरवरी को शपथ ली। वरिष्ठ सदस्य अरविंदर सिंह लवली को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया। 25 फरवरी को उपराज्यपाल ने सदन को संबोधित किया। उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव सदन में 28 फरवरी को पारित किया गया। धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में 16 सदस्यों ने भाग लिया और मुख्यमंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया। तीन मार्च को उपराज्यपाल से मुलाकात की तथा धन्यवाद प्रस्ताव पारित होने के बारे में उन्हें व्यक्तिगत रूप से सूचना दी।

पहले सत्र का अन्य मुख्य बिंदु सीएजी की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करना रहा। दिल्ली में शराब के विनियम और आपूर्ति पर सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट 25 फरवरी को मुख्यमंत्री ने सदन में प्रस्तुत की। सदस्यों की मांग के बाद इस पर सदन में दो दिन चर्चा भी की गई। 28 फरवरी को मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन पर सीएजी की रिपोर्ट प्रस्तुत की। सदन में इस रिपोर्ट पर भी 28 फरवरी और 3 मार्च को चर्चा हुई। इस सत्र के दौरान नियम-280 के तहत विशेष उल्लेख के कुल 109 नोटिस प्राप्त हुए और तीन दिनों में 42 मामलों को सदन में उठाया गया, जिन्हें संबंधित विभागों को उत्तर देने के लिए भेज दिया गया है।

आठवीं विधानसभा के दूसरे सत्र में सीएजी की छह रिपोर्ट और वार्षिक बजट पेश हुआ। विधानसभा का दूसरा सत्र 24 मार्च को शुरू हुआ और 2 अप्रैल को सदन अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन की कुल सात बैठके हुईं। इन सात बैठकों के दौरान सदन की कार्यवाही 27 घंटे 56 मिनट तक चली। इस दौरान वार्षिक बजट पेश किया गया और पास किया गया, सीएजी की छह रिपोर्ट पेश की गई और कई अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य निपटाए गए। लंबित कार्य निपटाने के लिए सदन की बैठकें दो दिन अर्थात 01 और 02 अप्रैल 2025 तक बढ़ाई गई।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 25 मार्च को एक लाख करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया। 26 और 27 मार्च को बजट पर सात घंटे 13 मिनट तक चर्चा हुई और 36 सदस्यों ने बजट पर चर्चा में भाग लिया, जो अपने आप में उल्लेखनीय है। यह बजट पर चर्चा के लिए समर्पित सबसे लंबी अवधि थी तथा इसमें अधिकतम सदस्यों ने भाग लिया।

सत्र के दौरान तत्कालीन दिल्ली सरकार के वर्ष 2021-2022 और 2022-2023 के वित्त खाते और विनियोग खाते तथा दिल्ली परिवहन निगम और वाहन प्रदूषण पर मुख्यमंत्री ने सीएजी की छह रिपोर्ट सदन के पटल पर प्रस्तुत की। 26 सदस्यों ने इन रिपोर्टों पर चर्चा में भाग लिया। चर्चा पांच घंटे 32 मिनट तक चली।

तीसरा सत्र 4 से प्रारंभ होकर 8 अगस्त को पांच बैठकों के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया। इस दौरान कुल 19 घंटे 40 मिनट की अवधि में विधायी, वित्तीय और जनकल्याण से जुड़े विषयों पर व्यापक एवं सार्थक चर्चाएं हुईं। इस सत्र के लिए 28 जुलाई को सदस्यों को समन जारी किया गया था और बैठकें 4, 5, 6, 7 और 8 अगस्त को आयोजित हुईं। इस सत्र में तीन महत्त्वपूर्ण विधेयक पारित किए। इसमें दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025, दिल्ली माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 और दिल्ली माल एवं सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल हैं।

इस सत्र में 2022 में उद्घाटित तथाकथित ‘फांसी घर’ के विषय में सदन में चर्चा हुई। सत्र के दौरान महत्त्वपूर्ण अभिलेख एवं प्रतिवेदन सदन पटल पर रखे गए। इसमें वित्तीय एवं विनियोग लेखा, वर्ष 2023-24, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षककी वित्त, विनियोग लेखा, राज्य वित्त और भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण पर रिपोर्टें शामिल हैं। इसके साथ-साथ दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग, जियोस्पैशियल दिल्ली लिमिटेड, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय और डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली की रिपोर्टें सदन में प्रस्तुत की गई। निर्माण श्रमिक कल्याण पर सीएजी की रिपोर्ट को आगे की जांच के लिए लोक लेखा समिति को भेजा गया।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 14 जून को दिल्ली विधानसभा में ई-विधान (पेपरलेस विधानसभा) परियोजना की आधारशिला रखी। दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र से पहले केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने तीन अगस्त को नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) और 500 किलोवाट की क्षमता वाले रूफटॉप व ऊर्जा संयंत्र का लोकार्पण किया। दिल्ली विधानसभा ने 4 अगस्त को पूरी तरह ‘पेपरलेस’ प्रथम सत्र आयोजित कर देश का 18वां ‘गो-लाइव’ राज्य बनने की उपलब्धि हासिल की।

इसके अलावा दिल्ली विधानसभा ने 24–25 अगस्त को पहली बार ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस और विट्ठलभाई पटेल की जयंती के शताब्दी समारोह की मेजबानी की। ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस में देशभर से विधानसभाओं और राज्य विधान परिषदों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। मुख्य वक्ताओं में राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, किरेन रिजिजू, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार रहे। दो दिवसीय के इस कॉन्फ्रेंस में विधानसभाओं के संचालन, बेहतर कार्य-प्रणाली, डिजिटल तकनीकों और एआई आधारित उपकरणों के उपयोग जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव