औद्योगिक विकास को गति देने के लिए एसोचेम प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख सचिव से की मुलाकात

औद्योगिक विकास को गति देने के लिए एसोचेम प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख सचिव से की मुलाकात


जम्मू, 26 दिसंबर । एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचेम) जम्मू-कश्मीर काउंसिल के एक प्रतिनिधिमंडल ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रमुख सचिव विक्रमजीत सिंह से मुलाकात कर केंद्रशासित प्रदेश में औद्योगिक एवं व्यावसायिक माहौल को सशक्त बनाने के लिए आवश्यक नीतिगत हस्तक्षेपों को लेकर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा।

इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एसोचेम जेएंडके काउंसिल के चेयरमैन माणिक बत्रा और को-चेयरमैन भूपेश गुप्ता ने किया। उनके साथ अमित खजूरिया, असिस्टेंट डायरेक्टर भी उपस्थित रहे। बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के निदेशक अरुण मनहास, जम्मू-कश्मीर ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन के प्रबंध निदेशक सुदर्शन कुमार, तथा सिडको और सिकोप के प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह भी मौजूद रहे।

बैठक के दौरान एसोचेम प्रतिनिधिमंडल ने विशेष रूप से जम्मू क्षेत्र के उद्योगों के समक्ष आ रही संरचनात्मक और संचालन संबंधी चुनौतियों को प्रमुख सचिव के समक्ष रखा। ज्ञापन में समर्पित लॉजिस्टिक्स एवं वेयरहाउसिंग नीति, एमएसएमई के लिए विशेष वित्तीय सहायता ढांचा, तथा नई औद्योगिक नीति 2021 के तहत भूमि आवंटन से प्रभावित इकाइयों के लिए नीतिगत समर्थन की आवश्यकता पर बल दिया गया।

इसके अलावा, प्रतिनिधिमंडल ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए फंडिंग तंत्र, वेंचर कैपिटल की भागीदारी और जोखिम-साझेदारी ढांचे पर स्पष्टता की मांग की। साथ ही हालिया बजट में घोषित नए औद्योगिक एस्टेट्स के आवंटन में पूर्व आवेदकों को उचित प्राथमिकता देने का आग्रह भी किया गया। इस अवसर पर एसोचेम जेएंडके काउंसिल के चेयरमैन माणिक बत्रा ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के तहत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से निवेशकों में नई रुचि पैदा हुई है, लेकिन लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई वित्तपोषण और भूमि से जुड़े कुछ मुद्दों पर समय रहते हस्तक्षेप आवश्यक है, ताकि दीर्घकालिक औद्योगिक विकास सुनिश्चित हो सके।

वहीं को-चेयरमैन भूपेश गुप्ता ने कहा कि मजबूत लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग ढांचा, एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए लक्षित वित्तीय सहयोग के साथ मिलकर क्षेत्र में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को काफी बेहतर बना सकता है। पूर्व आवेदकों की वास्तविक समस्याओं का समाधान निवेशकों के भरोसे को और मजबूत करेगा। प्रमुख सचिव विक्रमजीत सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि प्रस्तुत सुझावों और चिंताओं पर संबंधित विभागों व हितधारकों के साथ विचार-विमर्श कर गंभीरता से परीक्षण किया जाएगा।