छात्र अपने ज्ञान का उपयोग समाज और राष्ट्र निर्माण में करें: राज्यपाल

उत्तरांचल विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने प्रदान की मेडल और उपाधियां

देहरादून, 12 दिसंबर (हि.स.)। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) ने विद्यार्थियों को “राष्ट्र प्रथम” की भावना को सदैव सर्वाेपरि रखने की अपील की। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से अपने ज्ञान का उपयोग समाज और राष्ट्र निर्माण में करने का आह्वान भी किया।

राज्यपाल शुक्रवार को देहरादून में उत्तरांचल विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने उत्तीर्ण विद्यार्थियों को मेडल और उपाधियां प्रदान कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह समारोह केवल डिग्री प्रदान करने का अवसर नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के परिश्रम और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल बुद्धि का विकास न होकर चरित्र निर्माण है और आज के परिवर्तित वैश्विक परिदृश्य में ईमानदारी, अनुशासन तथा नैतिक मूल्यों का महत्व और बढ़ गया है। ज्ञान तभी सार्थक है जब वह देश के विकास में योगदान दे।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी स्नातक विद्यार्थियों को जीवन में सफलता प्राप्त करने और देश व राज्य का गौरव बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के बहुविषयी शिक्षा, शोध, नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की।

दीक्षांत समारोह में कुलपति प्रो. धर्मबुद्धि ने उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की जानकारी दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जितेन्द्र जोशी, उपाध्यक्ष अंकिता जोशी, अनुराधा जोशी, प्रति कुलपति राजेश बहुगुणा, कुलसचिव डॉ. अनुज राणा सहित विश्वविद्यालय के शिक्षा परिषद, कार्य परिषद के सदस्य और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार