भारत की आत्मा सनातन वैदिक धर्म में निहित : कमलेश
मीरजापुर, 30 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना के सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मंगलवार को अहरौरा स्थित राधा कृष्ण मंदिर परिसर में संघ द्वारा भव्य हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों और नगरवासियों की सहभागिता देखने को मिली।
भारत की आत्मा सनातन वैदिक धर्म में निहित
इस माैके पर कमलेश ने कहा कि भारत की आत्मा सनातन वैदिक धर्म में निहित है। उन्होंने कहा कि भारत के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को समझने के लिए सनातन वैदिक परंपरा को जानना और अपनाना अत्यंत आवश्यक है। भारत की पहचान उसके संस्कार, संस्कृति और परंपराओं से जुड़ी हुई है।
संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी राम बालक ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में दो माताएं होती हैं—एक जन्म देने वाली और दूसरी पालन करने वाली भारत माता। जिस प्रकार जन्मदात्री मां के प्रति हमारा ऋण होता है, उसी प्रकार भारत माता के प्रति भी हमारा कर्तव्य है, जिसे सेवा, समर्पण और सदाचार के माध्यम से पूरा किया जाना चाहिए।
जिला प्रचारक चुनार आलोक ने हिंदू एकता पर बल देते हुए कहा कि जहां एकता होती है वहीं शक्ति का संचार होता है। यदि हिंदू समाज संगठित और जागरूक रहेगा तो उसे कोई भी कमजोर नहीं कर सकता।
हिंदू सम्मेलन की अध्यक्षता कथावाचक ब्रजराज दास महाराज ने की, जबकि कार्यक्रम का संचालन डॉ. मुकेश श्रीवास्तव (सह संघचालक नगर) ने किया। इस अवसर पर अखिलेश नगर कार्यवाह, संजय, सिद्धार्थ, लवकुश, डॉ. गुरुचरण, डॉ. राजकुमार, विकास सिंह, माखन सिंह सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग और श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा



