मीरजापुर, 28 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जनपद में हलिया विकासखंड स्थित औरा परमहंस आश्रम में रविवार को भक्ति और अध्यात्म का अनूठा संगम देखने को मिला। संगीतमयी भजनों के पश्चात स्वामी अडगड़ानंद के शिष्य स्वामी तुलसी दास महाराज ने यथार्थ गीता का पाठ कराते हुए गुरु महिमा और नाम जप का महत्व बताया।
उन्होंने कहा कि ध्याता, ध्यान और ध्येय - इन तीन विधियों से ही भगवान की प्राप्ति संभव है। यदि आस्था सच्ची हो तो व्यक्ति स्वयं गुरु और भगवान को खोज लेता है।
स्वामी तुलसी दास महाराज ने राम-सीता प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि भगवान अपने भक्तों को स्वयं दर्शन देते हैं। उन्होंने कहा कि तीर्थ जाने से एक फल, संत मिलने से चार फल और यदि सद्गुरु मिल जाएं तो अनंत फल की प्राप्ति होती है। मनुष्य को सुबह-शाम गुरु के स्वरूप का ध्यान करते हुए ‘ऊँ’, ‘राम’ और ‘शिव’ जैसे पवित्र नामों का निरंतर जाप करना चाहिए। साथ ही परोपकार को जीवन का मूल मंत्र बनाने से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
प्रवचन के दौरान सैकड़ों श्रद्धालु भावविभोर होकर भक्ति में लीन रहे। कार्यक्रम के समापन पर भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर शिबू बाबा, विनय बाबा, हाटा बाबा, शिव बाबू सेठ, लालबहादुर पाल, रमाकांत पांडे, प्रमोद अग्रहरी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा



