हिंदुओं को अल्पसंख्यक होने से बचाने को घर वापसी अभियान में तेजी लाएं : डॉ मुरारजी त्रिपाठी

प्रयागराज, 31 दिसंबर (हि.स.)। हिंदू समाज को अल्पसंख्यक होने से बचाने के लिए सभी आगे आएं तथा लोभ लालच या डर से धर्मांतरित हुए लोगों की घर वापसी अभियान में तेजी लाएं। देश को खंडित करने वाली शक्तियों के षड्यंत्रों को विफल करें। यह बात प्रयाग उत्तर के साकेत नगर स्थित राजेंद्र छात्रावास में बुधवार को आयोजित हिंदू सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ मुरारजी त्रिपाठी ने कही।

उन्होंने कहा कि भारत तभी तक धर्मनिरपेक्ष देश है जब तक यहां हिंदू बहुसंख्यक है। हिंदुओं के अल्पसंख्यक होते ही यह भी मजहबी राष्ट्र बन जाएगा। भारत से टूट कर बने पडोसी देशों को देखकर इस सच्चाई को आसानी से समझा जा सकता है।`हिंदू घटा देश बंटा`यह ऐतिहासिक सच है। इससे सीख लेने की जरूरत है जिससे देश का फिर बंटवारा न हो।

डॉ.मुरार ने लोगों का आह्वान किया कि देश को खंडित करने वाली शक्तियों के षड्यंत्रों को विफल करें । मतांतरण देश को खंडित करने के लिए किया जाने वाला सुनियोजित कुचक्र है। तेजी से बढ़ रहे जनसांख्यिकी असन्तुलन से हिंदुओं की संख्या घट रही है जिससे उनके अल्पसंख्यक होने का खतरा बढ़ गया है।

कडाके की ठंड में छात्रावास परिसर मे जुटे हिंदुओं को संबोधित करते हुए प्रांत प्रचार प्रमुख ने आगे कहा कि समाज में हिंदुओं की सामूहिक शक्ति का प्रगटीकरण हो तथा हिंदुओं के प्रश्न पर समाज की जागरूकता बढे, मठ मंदिर हिंदू समाज की जागृति के केंद्र बने, इसी उद्देश्य को लेकर काशी प्रांत में ढाई हजार हिंदू सम्मेलन आयोजित किये जा रहे हैं। पंच परिवर्तन के द्वारा इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

विशिष्ट वक्ता डॉक्टर रचना सिंह ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संघर्ष में महिला और पुरुष दोनों की समान भागीदारी रही है। दोनों एक दूसरे के पूरक है। हिन्दुओं को संगठित करने की दिशा में महिलाएं कभी पीछे नहीं रहेंगी। ईश्वर शरण इंटर कॉलेज के प्रवक्ता मृत्युंजय ने कहा कि आत्मविस्मृति तथा सामाजिक चिंतन के प्रति उदासीनता के कारण राष्ट्रीय हित की उपेक्षा हुई है इसे मिलकर ठीक करना होगा। संत पन्नालाल ने श्रोताओं को भजन सुना कर भक्ति रस से ओतप्रोत कर दिया। राम प्रताप इंटर कॉलेज के प्रवक्ता आशीष ने कहा कि हमारी संस्कृति सभी प्राणियों के सुखी होने की कामना करती है। अपने धर्म एवं संस्कृति के प्रति सभी लोग सचेत रहें।

सम्मेलन के पूर्व भारत माता की सामूहिक आरती हुई। लोक गायक कुलदीप शास्त्री ने गुरु वंदना प्रस्तुत की। अनमोल त्रिपाठी ने सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। संचालन डॉक्टर लक्ष्मी नारायण ने किया। सम्मेलन में प्रमुख रूप से धर्मराज, संतोष, जयप्रकाश, डॉ गिरिजा शंकर, रविंद्र काशीनाथ आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल