धैर्य और संवेदनशीलता हर पुलिस कर्मी की मूल पहचान होनी चाहिए : एएसपी

- एएसपी ने रिक्रूट आरक्षियों को बीएनएसएस के प्रावधानों पर दिया प्रशिक्षण

बांदा, 12 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की पुलिस लाइन में शुक्रवार को अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रिक्रूट आरक्षियों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के विविध एवं महत्वपूर्ण प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने आधुनिक पुलिसिंग की आवश्यकताओं, कानूनी प्रक्रियाओं और बदलते कानून-व्यवस्था के मापदंडों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि जनता से संवाद करते समय शालीनता, धैर्य और संवेदनशीलता हर पुलिस कर्मी की मूल पहचान होनी चाहिए।

एएसपी ने कहा कि नई संहिता में आपराधिक न्याय व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, सरल, वैज्ञानिक और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से कई अहम बदलाव किए गए हैं, जिनका हर पुलिसकर्मियों को सही ज्ञान होना आवश्यक हैं। उन्होंने रिक्रूट आरक्षियों से कहा कि कानून की जानकारी तभी सार्थक है, जब उसे फील्ड स्तर पर संवेदनशीलता और दक्षता के साथ लागू किया जाए। प्रशिक्षण के दौरान प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई, जिनमें गिरफ्तारी एवं जमानत संबंधी संशोधित प्रावधान,मामलों की समयबद्ध, वैज्ञानिक और पारदर्शी जांच,महिला एवं बच्चों से जुड़े संवेदनशील मामलों में सतर्क और मानवीय रवैया,डिजिटल सबूतों का संरक्षण, विश्लेषण और उपयोग अन्य चीजें शामिल थी।

एएसपी ने विशेष रूप से जोर दिया कि नई संहिता में तकनीक का उपयोग बढ़ने जा रहा है, इसलिए पुलिसकर्मियों को डिजिटल रिकॉर्डिंग, ऑनलाइन रिपोर्टिंग और तकनीकी उपकरणों के प्रभावी उपयोग में दक्ष होना आवश्यक है। उन्होंने रिक्रूट आरक्षियों को निर्देशित किया कि वे बीएनएसएस के सभी प्रावधानों का गंभीरता से अध्ययन करें और सेवा में उतरने के बाद इनके शत-प्रतिशत अनुपालन के प्रति प्रतिबद्ध रहें।-------------

हिन्दुस्थान समाचार / अनिल सिंह