फसल बीमा घोटाला : सांसद अनुराग शर्मा की जमीन पर ले लिया 1.64 लाख का बीमा क्लेम
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- Dec 19, 2025
सहायक कृषि अधिकारी ने दर्ज कराया मुकदमा
झांसी, 19 दिसंबर (हि.स.)। महोबा के बाद अब झांसी में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जहां शातिर माफियाओं ने झांसी-ललितपुर सांसद अनुराग शर्मा की जमीन के साथ बंजर जमीन को उपजाऊ बताकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे एक लाख चौंसठ हजार रुपये से अधिक का बीमा क्लेम ले लिया। मामला उजागर होने के बाद कृषि विभाग ने आरोपित के खिलाफ थाना प्रेमनगर में एफआईआर दर्ज कराई है।
बताया जा रहा है कि इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लखनऊ और तहसीलदार झाँसी से प्राप्त अभिलेखों का मिलान किया गया। जांच में सामने आया कि मौजा नयागांव, तहसील व जिला झाँसी स्थित गाटा संख्या 695 का वास्तविक रकबा मात्र 0.158 हेक्टेयर है, जबकि फसल बीमा में इसे 2.480 हेक्टेयर दर्शाया गया। अभिलेखों के अनुसार जमीन पर सांसद अनुराग शर्मा व अन्य किसानों के नाम दर्ज हैं, इसके बावजूद डकोर, उरई निवासी ऋतिक पुत्र जितेंद्र ने रबी मौसम 2024–25 में स्वयं को भूमि धारक दिखाते हुए फर्जी दस्तावेज लगाकर 1,64,386 रुपये की क्षतिपूर्ति हासिल कर ली। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जिस सीएससी केंद्र से फसल बीमा कराया गया, वहां भूमि संबंधी दस्तावेजों की बिना जांच किए प्रधानमंत्री फसल बीमा पोर्टल पर आवेदन अपलोड कर दिया गया।
अब हरकत में आये सहायक कृषि अधिकारी धर्मराज मीणा ने प्रेमनगर थाने में तहरीर देकर आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की है। मामले ने फसल बीमा योजना की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शातिरों ने सांसद की जमीन के फर्जी दस्तावेज लगाकर बीमा क्लेम की धनराशि हड़प कर ली।
बीमा कंपनी की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह
इस पूरे मामले में आनन-फानन में कृषि विभाग द्वारा किसान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। जबकि इस पूरे प्रकरण में गहन जांच की जरूरत है। आखिर ऑनलाइन वाले इस आधुनिक तकनीक के युग में बिना वेरिफिकेशन के इतना फर्जीबाड़ा कैसे संभव है। कहीं न कहीं बीमा कंपनी की भूमिका संदेह के घेरे में है। इसकी भी जांच की जरूरत है। साथ ही यह भी देखा जाना चाहिए कि पोर्टल में कोई सेंधमारी तो नहीं की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया



