कानपुर मेट्रो के अगले चरण की तैयारी तेज, छह स्टेशनों पर सब-स्टेशन ऊर्जीकृत : सुशील कुमार

कानपुर, 26 दिसम्बर (हि.स.)। कानपुर मेट्रो के निर्माणाधीन बैलेंस सेक्शन (कानपुर सेंट्रल से नौबस्ता) पर फिनिशिंग कार्यों के साथ-साथ सिस्टम इंस्टॉलेशन के कार्य भी तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। सात में से छह स्टेशनों पर बिजली आपूर्ति के लिए सब-स्टेशनों को ऊर्जीकृत किया जा चुका है। मोतीझील से कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवा के विस्तार के बाद अब मेट्रो टीम पूरी प्रतिबद्धता के साथ अगले चरण में कानपुर सेंट्रल से नौबस्ता तक यात्री सेवा के विस्तार के लिए जुटी हुई है। यह जानकारी शुक्रवार को यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक शुशील कुमार ने दी।

कानपुर मेट्रो के कॉरिडोर-1 (आईआईटी से नौबस्ता) के बैलेंस सेक्शन (कानपुर सेंट्रल से नौबस्ता) पर यात्री सेवा के विस्तार की तैयारियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इसी क्रम में सात में से छह स्टेशनों पर सब-स्टेशन तैयार कर उन्हें ऊर्जीकृत (एनर्ज़ाइज) कर दिया गया है। मेट्रो ट्रेनों की टेस्टिंग तथा स्टेशनों पर स्थापित विभिन्न प्रणालियों जैसे टीवीएस, ईसीएस, एएफसी एवं अन्य विद्युत उपकरणों—बल्ब, लिफ्ट, एस्केलेटर आदि—के संचालन के लिए ऊर्जा आपूर्ति एक बुनियादी आवश्यकता है।

कानपुर मेट्रो द्वारा इस उद्देश्य से चार स्टेशनों—झकरकटी, बारादेवी, बसंत विहार एवं नौबस्ता—पर 33 केवी ऑग्ज़ीलरी सब-स्टेशन (एएसएस) तथा दो स्टेशनों—किदवई नगर एवं बौद्ध नगर—पर ऑग्ज़ीलरी-कम-ट्रैक्शन सब-स्टेशन (एएसएस-कम-टीएसएस) को सफलतापूर्वक ऊर्जीकृत कर दिया गया है। कानपुर मेट्रो ट्रेनों के संचालन के लिए विद्युत आपूर्ति उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीटीसीएल) से प्राप्त की जाती है। बैलेंस सेक्शन (कानपुर सेंट्रल से नौबस्ता) पर ऊर्जा आपूर्ति के लिए 33 केवी लाइन नयागंज मेट्रो स्टेशन स्थित ऑग्ज़ीलरी-कम-ट्रैक्शन सब-स्टेशन (एएसएस-कम-टीएसएस) से ली जा रही है।

प्रत्येक एएसएस में दो ऑग्ज़ीलरी ट्रांसफॉर्मर तथा प्रत्येक एएसएस-कम-टीएसएस में दो ऑग्ज़ीलरी ट्रांसफॉर्मर के साथ-साथ दो ट्रैक्शन ट्रांसफॉर्मर स्थापित किए गए हैं। मेट्रो स्टेशनों पर लगे एस्केलेटर, लाइटिंग, लिफ्ट, एयर-कंडीशनिंग सिस्टम आदि के संचालन के लिए सब-स्टेशन में लगे ऑग्ज़ीलरी ट्रांसफॉर्मरों की सहायता से 33 केवी विद्युत आपूर्ति को 415 वोल्ट एसी में परिवर्तित किया जाएगा। इसी प्रकार, ट्रैक्शन ट्रांसफॉर्मर एवं रेक्टिफायर पैनल की मदद से 33 केवी एसी करंट को 750 वोल्ट डीसी में परिवर्तित कर मेट्रो ट्रेनों के संचालन हेतु उपयोग किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप