सनातन संस्कृति को बचाने में सिख समाज का बड़ा योगदान : ब्रजेश पाठक

सनातन धर्म की रक्षा के लिए गुरू गोविन्द सिंह के पूरे परिवार ने बलिदान दिया

लखनऊ,27 दिसम्बर (हि.स.)। दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह के छोटे पुत्र जोरावर सिंह और फतेह सिंह और सिख समाज के बलिदान को स्मरण करने और जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में भाजपा लखनऊ महानगर द्वारा रॉयल होटल कृष्णा नगर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि मुगलों ने भारत की संस्कृति को छिन्न भिन्न करने का बहुत प्रयास किया। भारत की सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को तोड़ने और धर्म को बदलने के लिए अत्याचार होते थे उस समय सिख समाज ने हमारी संस्कृति को बचाने के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाई। मुगल आक्रांताओं ने धर्म परिवर्तन ना स्वीकार करने पर गुरु गोविंद सिंह के छोटे-छोटे बच्चों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और सनातन संस्कृति के लिए उनकी शहादत का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। आने वाले कल को सुरक्षित रखने के लिए हम अपने इतिहास से सीखने का काम करते हैं। हमें इतिहास में हमारी सनातन संस्कृति की शिक्षाएं नहीं पढ़ाई गई गई बल्कि मुगल आक्रांताओं को महान बताया गया।

ब्रजेश पाठक ने कहा कि आज अगर सनातन संस्कृति जिंदा है तो उसमें गुरू गोविन्द सिंह जी और सिख समाज का बड़ा योगदान है। सनातन धर्म की रक्षा के लिए पूरे परिवार ने बलिदान दिया। उनके बलिदान को याद करने के लिए और भारत माता की संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा के लिए उनके त्याग और समर्पण को नमन करते हैं।

महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने कहा कि सिख समाज के त्याग और बलिदान को स्मरण करते हुए जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से पार्टी द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन