उत्तर प्रदेश : विधान सभा में उठा एसआईआर और आरक्षण का मुद्दा
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- Dec 23, 2025
लखनऊ, 23 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधान सभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को एसआईआर का मुद्दा भी जोर शोर से उठा। विपक्ष के किसी सदस्य ने एसआईआर की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किए तो किसी ने इसमें संशोधन की बात कही। हालांकि सरकार का पक्ष सुनने के बाद नियम 56 के तहत ग्राह्यता के लिए आए इस मुद्दे को पीठ से अग्राह्य कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश विधान सभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा मोना ने एसआईआर का मुद्दा सदन में उठाया। कांग्रेस की नेता ने नियम 56 के तहत एसआईआर पर चर्चा कराए जाने की मांग की। ग्राह्यता पर सदन में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी। विपक्ष के बाद सरकार का पक्ष रखते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि एसआईआर की पूरी प्रक्रिया चुनाव आयोग के नियंत्रण में पूरी की जा रही है। रही बात बीएलओ की मौत की, तो यह जांच का विषय है। ऐसे नहीं कहा जा सकता कि ड्यूटी की वजह से किसी की मौत हुई है। हमारी सरकार की संवेदना उन परिवारों के प्रति है जिन्होंने अपनों को किसी भी कारण से खोया है। यह सब बेहद दुखद है। एसआईआर चुनाव आयोग की देख रेख में सम्पन्न हो रहा है। इस विषय पर चर्चा नहीं कराई जा सकती। दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ से अधिष्ठाता ने इसे अग्राह्य कर दिया गया।
आरक्षण का पालन किया जा रहा है : सुरेश खन्ना
उत्तर प्रदेश विधान सभा में आरक्षण का मुद्दा भी उठा। नियम 56 के तहत ग्राह्यता के लिए सदन में आए आरक्षण में गड़बड़ी विषय पर बोलते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि योगी सरकार में आरक्षण के नियमों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। आरक्षण में गड़बड़ी का सवाल ही नहीं है। इससे पहले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य डॉ. संग्राम यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि पिछड़ों और दलितों को सरकारी नौकरी में मानक के अनुरूप आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने पशुपालन विभाग में हुई भर्ती और विज्ञापन का भी उल्लेख किया। सपा के अन्य सदस्य संदीप सिंह ने भी आरक्षण के विषय पर चर्चा कराए जाने की मांग की। हालांकि सत्ता पक्ष और विपक्ष को सुनने के बाद पीठ से इसे भी अग्राह्य कर दिया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला



