सेबाश्रय के पीछे का सिद्धांत -समय पर, मानवीय और सुलभ स्वास्थ्य सेवा : अभिषेक बनर्जी

कोलकाता, 19 दिसंबर (हि. स.)। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार देर रात एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से सेबाश्रय योजना के मूल सिद्धांत और उसकी सफलता पर प्रकाश डाला।

अभिषेक बनर्जी ने लिखा कि सेबाश्रय के पीछे का सिद्धांत स्पष्ट रहा है : देखभाल समय पर, मानवीय और बिना किसी अपवाद के सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए। स्वास्थ्य सेवा कोई विशेषाधिकार नहीं हो सकती जो दूरी, देरी या परिस्थितियों से निर्धारित हो, बल्कि यह लोगों तक तब पहुंचनी चाहिए जब उन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो।

उन्होंने कहा कि सेबाश्रय (2) के 18वें दिन बजबज में हमने जो देखा, वह एक ऐसी प्रणाली का परिणाम था जिसे जानबूझकर जल्दी आपातकाल को पहचानने और बिना किसी हिचकिचाहट के प्रतिक्रिया देने के लिए डिजाइन किया गया है। सेबाश्रय को कमजोरी के संकट में बदलने से पहले और देरी से पीड़ा बढ़ने से पहले कार्य करने के लिए बनाया गया है।

अभिषेक बनर्जी ने आगे कहा कि दिन-प्रतिदिन सेबाश्रय यह प्रदर्शित कर रहा है कि शासन को प्रतिक्रियाशील होने की जरूरत नहीं है, यह पूर्वानुमानित, उत्तरदायी और विश्वसनीय हो सकता है। इसकी ताकत देखभाल के किसी एक क्षण में नहीं, बल्कि उस निरंतरता में निहित है जिसके साथ यह देखभाल समुदायों और परिस्थितियों में प्रदान की जाती है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा, जब लोगों को पता होता है कि मदद आएगी, दान के रूप में नहीं, बल्कि एक अधिकार के रूप में, तो यह स्वास्थ्य से अधिक बहाल करती है। यह संस्थानों में विश्वास और सार्वजनिक सेवा में गरिमा बहाल करती है। जिसे हम बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उल्लेखनीय है कि सेबाश्रय पश्चिम बंगाल सरकार की एक स्वास्थ्य सेवा पहल है जो लोगों तक समय पर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय