वार्षिकी 2025: दंगों, दुष्कर्म, भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के बीच उथल-पुथल भरा रहा पश्चिम बंगाल
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- Dec 26, 2025


कोलकाता, 26 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के इतिहास में वर्ष 2025 एक ऐसे साल के रूप में दर्ज हुआ, जिसमें राजनीति, प्रशासन, न्यायपालिका और सड़क, हर मोर्चे पर उथल-पुथल देखने को मिली। अदालतों के ऐतिहासिक फैसले, बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा, महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध, प्राकृतिक आपदाएं और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में अव्यवस्था ने पूरे वर्ष राज्य को राष्ट्रीय बहस के केंद्र में बनाए रखा। जनवरी से दिसंबर तक घटनाएं एक-दूसरे से जुड़ती चली गईं और हर बड़े मोड़ पर कानून-व्यवस्था और शासन की विफलताओं पर सवाल खड़े होते रहे।
साल की शुरुआत राजनीतिक हिंसा और भ्रष्टाचार के मामलों से हुई और अंत अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल सितारे लियोनेल मेसी से जुड़े कार्यक्रम में हिंसा और अराजकता के साथ हुआ।
साल की शुरुआत जनवरी महीने में मालदा जिले की घटना से हुई, जहां तृणमूल कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष और छह बार के पार्षद रहे दुलाल सरकार की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की पुरानी बहस को एक बार फिर तेज कर दिया। इसी महीने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में तृणमूल कांग्रेस ने अपने ही पूर्व सांसद शांतनु सेन और पूर्व विधायक अराबुल इस्लाम को निलंबित कर दिया, जिससे सत्तारूढ़ दल के भीतर चल रहे अंतर्विरोध भी खुलकर सामने आए। जनवरी में ही राशन वितरण भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को करीब 15 महीने बाद जमानत मिली, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। इसी दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की एक युवा महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के मामले में सियालदह की अतिरिक्त सत्र अदालत ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस फैसले ने राज्य भर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गुस्से और चिंता दोनों को और गहरा कर दिया।------फरवरी 2025 में राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा की, जिससे लाखों कर्मचारियों को आंशिक राहत मिली। इसी महीने वरिष्ठ संगीतकार प्रतुल मुखोपाध्याय के निधन से सांस्कृतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। वहीं, शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के बीच सुजयकृष्ण भद्र उर्फ ‘कालीघाट के काकू’ को जमानत मिलने से राजनीतिक सरगर्मियां और तेज हो गईं। इस फैसले को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली।-------मार्च 2025 में जादवपुर विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में रहा। तृणमूल समर्थित शिक्षक संगठन के कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की मौजूदगी में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और उनकी गाड़ी को घेर लिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। इसी महीने बेलगछिया में कचरे के विशाल ढेर के धंसने से कई घर क्षतिग्रस्त हुए, सड़कें टूट गईं और इलाके में बिजली व पानी की आपूर्ति बाधित हो गई, जिससे स्थानीय नागरिकों की मुश्किलें बढ़ गईं। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर तृणमूल की शिक्षा शाखा के महासचिव शेख सिराजुल इस्लाम की नौकरी रद्द कर दी गई। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के केलॉग कॉलेज में व्याख्यान दिया। दक्षिण 24 परगना के पाथरप्रतिमा में पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत ने प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।-------अप्रैल 2025 राज्य के लिए सबसे निर्णायक महीनों में शामिल रहा। उच्चतम न्यायालय ने 2016 की स्कूल सेवा आयोग भर्ती प्रक्रिया का पूरा पैनल रद्द कर दिया, जिससे हजारों शिक्षक और गैर-शिक्षक सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर हुए। अदालत ने योग्य शिक्षकों को 31 दिसंबर 2025 तक पढ़ाने की अनुमति दी, लेकिन ग्रुप सी और डी कर्मचारियों को कोई राहत नहीं मिली, जिससे उनके विरोध की परिस्थितियां बनीं। इसी महीने कालीघाट स्काईवॉक का उद्घाटन हुआ और दीघा में जगन्नाथ मंदिर का लोकार्पण किया गया, जो राज्य में बुनियादी ढांचा और पर्यटन गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण आयोजन थे।------मुर्शिदाबाद हिंसा में घर छोड़कर भागे हजारों हिंदू परिवारइसी अप्रैल महीने में ही मुर्शिदाबाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा ने पूरे देश का ध्यान खींचा। आठ अप्रैल को जंगीपुर उपखंड के उमरपुर इलाके में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया। 11 और 12 अप्रैल की रात शमशेरगंज, सूती और धुलियन इलाकों में भड़के दंगों में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई, सैकड़ों घर-दुकानें जला दी गईं और हजारों लोग मालदा जिले में शरण लेने को मजबूर हुए। जाफराबाद इलाके में हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास को घर से खींचकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हिंसा की गंभीरता के कारण कई दिनों तक इंटरनेट सेवा बंद रही। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर केंद्रीय बलों की तैनाती की गई और बाद में उच्च न्यायालय की फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट में स्थानीय पुलिस की गंभीर चूक सामने आई।-----मई 2025 में वाम नेता और छात्र संगठन के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव नेपालदेव भट्टाचार्य का निधन हो गया, जिससे राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। इसी महीने पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा हिरासत में लिए गए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूर्णमकुमार साउ को रिहा कर दिया गया, जिसे लेकर सुरक्षा और कूटनीतिक व्यवस्था की प्रशंसा हुई। उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह जून 2025 तक कर्मचारियों का बकाया महंगाई भत्ता अदा करे। महीने के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अलीपुरद्वार पहुंचे और वहां विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।-----जून 2025 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सभा में शामिल हुए। इसी महीने राज्य मंत्रिमंडल ने ओबीसी से जुड़े नए प्रावधान पारित किए, लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नई ओबीसी सूची और उससे संबंधित अधिसूचनाओं पर रोक लगा दी। अदालत ने केंद्र सरकार को राज्य में 100 दिन का काम फिर से शुरू करने का निर्देश दिया। साहित्य जगत के वरिष्ठ कवि और आलोचक प्रफुल्ल राय का निधन हुआ, जिससे सांस्कृतिक क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई। नदिया जिले के कालीगंज उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार अलिफा अहमद ने जीत हासिल की। इसी महीने कोलकाता के सरकारी कस्बा लॉ कॉलेज परिसर में एक छात्रा से दुष्कर्म के आरोप ने राजनीतिक संरक्षण और प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।--------जुलाई 2025 में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य के सभी कॉलेज और विश्वविद्यालयों में यूनियन कक्ष बंद रखने का आदेश जारी किया, जिससे शैक्षणिक संस्थानों में छात्र संगठन गतिविधियों पर रोक लग गई। इस महीने शमिक भट्टाचार्य बंगाल भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष बने, जबकि असिम कुमार घोष को हरियाणा का राज्यपाल नियुक्त किया गया। दुर्गापुर में प्रधानमंत्री की जनसभा आयोजित हुई, जिसमें जनसमूह ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। इसी बीच मेट्रो नेटवर्क में तकनीकी समस्याएं सामने आईं; कवि सुभाष स्टेशन पर दरार के कारण सेवाएं प्रभावित रहीं, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।-----अगस्त 2025 में अभिषेक बनर्जी को लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस का नेता नियुक्त किया गया और काकली घोष दस्तीदार को पार्टी का मुख्य सचेतक बनाया गया। इसी महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोलकाता में मेट्रो परियोजनाओं और कोना एक्सप्रेसवे के विस्तार का उद्घाटन किया, जिससे राज्य में बुनियादी ढांचे और परिवहन सुविधाओं को मजबूती मिली। शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में मुर्शिदाबाद के बड़त्रा से तृणमूल विधायक जीवनकृष्ण साहा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया, जिससे राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई।-------सितंबर 2025 में जादवपुर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित झील से छात्रा अनामिका मंडल का शव मिलने से पूरे राज्य में सनसनी फैल गई। इस मामले ने सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। इसी महीने लगातार बारिश से कोलकाता और आसपास के इलाके जलमग्न हो गए। भीषण मौसम के कारण बिजली गिरने से कई लोगों की मौत हुई और बुनियादी सेवाओं में भी बाधा उत्पन्न हुई।-----बादल फटने से बंगाल में जनजीवन हुआ बेहाल23 सितंबर 2025 — कोलकाता और आसपास के इलाकों में भारी क्लाउडबर्स्ट और बाढ़ के कारण व्यापक जलभराव देखा गया। तेज बारिश से शहर के कई हिस्सों में सड़कें जलमग्न हुईं, ट्रेन और बस सेवाएं प्रभावित हुईं तथा कम से कम 12 लोगों की मौत हुई। ये बारिश दुर्गा पूजा के ठीक पहले आई, जिससे आयोजन प्रभावित हुआ और कई पंडालों को नुकसान पहुंचा।-------
04–07 अक्टूबर 2025 — उत्तर बंगाल में मौसम की भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति के कारण दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और आसपास के इलाकों में भूस्खलन और तबाही हुई। प्रभावित इलाकों में पुल टूटने और सड़कें अवरुद्ध होने से राहत कार्य प्रभावित हुआ। अधिकारियों ने बाढ़ के कारण कम से कम 36 लोगों की मौत और हजारों लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया था।08 अक्टूबर 2025 — मयनागुरी सहित बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी, खाना और दवा की भारी किल्लत की खबरें आईं, जिससे आम नागरिकों की मुश्किलें और बढ़ीं। राहत कार्य के दौरान नागराकाटा में भाजपा विधायक शंकर घोष और सांसद खगन मुर्मू पर हमला हुआ। इसी महीने चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा की।------नवंबर 2025 में स्कूल सेवा आयोग ने अयोग्य शिक्षकों की सूची जारी की, जिससे शिक्षा क्षेत्र में हलचल मच गई। इसी महीने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का काम शुरू हुआ, ताकि आगामी चुनावों में उचित और सटीक वोटर डेटा सुनिश्चित किया जा सके। राजनीतिक घटनाओं में, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी जमानत पर रिहा हुए। वहीं कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के तहत कृष्णनगर उत्तर सीट से भाजपा विधायक मुकुल राय की विधायकी समाप्त हो गई।-----दिसंबर 2025 में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 32 हजार प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी बरकरार रखी, जिससे राज्य में शिक्षा क्षेत्र में स्थिरता बनी रही। इसी महीने मुर्शिदाबाद के भरतपुर विधायक हुमायूं कबीर को उनकी पार्टी से निलंबित कर दिया गया। दिसंबर के तीसरे सप्ताह में हुमायूं कबीर ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी, जनता उन्नयन पार्टी, की घोषणा की।----मेसी के कार्यक्रम में हिंसा से हुई अंतरराष्ट्रीय बदनामी
महीने के अंतिम चरण में, 13 दिसंबर 2025 को साल्ट लेक के युवा भारती स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल स्टार लियोनेल मेसी से जुड़े कार्यक्रम के दौरान भारी अव्यवस्था और हिंसा हुई। भीड़ नियंत्रण की विफलता और सुरक्षा में चूक के कारण राज्य की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी हुई।मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय तक पहुंचा और प्रशासनिक तैयारियों पर गंभीर सवाल उठे। राज्य के खेल मंत्री अरूप विश्वास ने दबाव में आकर अपना पद छोड़ दिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से गठित विशेष जांच समिति की सिफारिश पर पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार समेत अन्य संबंधित पुलिस अधिकारियों से जवाब तलब किया गया। हिंसा में संलिप्तता के आरोप में छह दर्शकों को गिरफ्तार भी किया गया।
इस तरह वर्ष 2025 पश्चिम बंगाल के इतिहास में एक ऐसे साल के रूप में दर्ज हुआ, जब अदालतें फैसले सुना रही थीं, सड़कें उबल रही थीं, आपदाएं जनजीवन को निगल रही थीं और सत्ता हर मोड़ पर अपनी घोर लापरवाही और सफलता के कारण सवालों के घेरे में नजर आई।----------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर



