(वार्षिकी) प्राइमरी मार्केट का रहा रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन, 365 आईपीओ के जरिये जुटाए 1.95 लाख करोड़ रुपये

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (हि.स.)। साल 2025 खत्म होने वाला है। इस साल प्राइमरी इक्विटी मार्केट में काफी हलचल रही। 2025 में प्राइमरी इक्विटी मार्केट ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचने में सफल रहा। इस साल 365 कंपनियों ने अपने आईपीओ लॉन्च करके रिकॉर्ड 1.95 लाख करोड़ रुपये जुटाने में सफलता हासिल की। 2025 के पहले एक कैलेंडर इयर में कभी भी आईपीओ के जरिए कंपनियों ने इतनी बड़ी मात्रा में पैसा जुटाने में सफलता हासिल नहीं की थी। इस साल कई कंपनियों ने स्टॉक मार्केट में कारोबार की शुरुआत की। इनमें से कई कंपनियां निवेशकों के भरोसे को कायम रखने में सफल हुईं, वहीं कुछ कंपनियों ने निवेशकों को काफी निराश भी किया।

प्राइमरी मार्केट के आंकड़ों के अनुसार इस साल अभी तक 365 आईपीओ लॉन्च हो चुके हैं। इसके पहले साल 2024 में भी आईपीओ लॉन्चिंग के मामले में नया रिकॉर्ड बना था। पिछले साल प्राइमरी मार्केट में 336 कंपनियों ने अपने आईपीओ लॉन्च किए थे। इन 336 आईपीओ के जरिए कंपनियों ने स्टॉक मार्केट से 1.90 लाख करोड़ रुपये जुटाने में सफलता हासिल की थी।

आपको बता दें कि 2024 के अक्टूबर महीने से जिस तरह से शेयर बाजार में गिरावट का दौर शुरू हुआ था, उसके आधार पर इस बात का अनुमान लगाया जा रहा था कि 2025 के दौरान आईपीओ लॉन्चिंग के लिहाज से प्राइमरी मार्केट ज्यादा सफलता हासिल नहीं कर सकेगा। हालांकि 2025 में लगातार उतार-चढ़ाव जारी रहने के बावजूद प्राइमरी मार्केट की हलचल तेज बनी रही, जिससे इस साल एक बार फिर आईपीओ लॉन्चिंग और आईपीओ के जरिए फंड कलेक्शन का नया रिकॉर्ड बन गया।

आईपीओ के जरिए हुए फंड कलेक्शन की बात करें, तो इसमें एक दिलचस्प तथ्य ये भी है कि सिर्फ 2024 और 2025 के 24 महीनों में ही कुल 701 आईपीओ के जरिए 3.85 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। इसके पहले 2019 से लेकर 2023 के 60 महीने की अवधि में आईपीओ के जरिए कुल 3.20 लाख करोड़ रुपये जुटाने में सफलता मिली थी। इस तरह से पहले साल 2024 ने आईपीओ और फंड कलेक्शन के मामले में नया रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद 2025 ने 2024 को भी पीछे छोड़ते हुए नया रिकॉर्ड कायम कर दिया।

साल 2025 में प्राइमरी मार्केट में मेनबोर्ड सेगमेंट की 106 कंपनियां ने अपने आईपीओ लॉन्च किया, जबकि एसएमई सेगमेंट की 259 कंपनियां ने भी आईपीओ के जरिए स्टॉक मार्केट में अपने कदम रखे। आईपीओ की संख्या के मामले में एसएमई की तुलना में कम होने के बावजूद टोटल फंड कलेक्शन में मेनबोर्ड सेगमेंट के आईपीओ की 94 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही। 106 आईपीओ के जरिए मेनबोर्ड सेगमेंट की कंपनियों ने प्राइमरी मार्केट से कुल 1.83 लाख करोड़ रुपये जुटाने में सफलता हासिल की, जबकि एसएमई सेगमेंट की 259 कंपनियां अपने आईपीओ के जरिए सिर्फ 12 हजार करोड़ रुपये जुटा सकीं।

प्राइमरी मार्केट में इस साल आए मेनबोर्ड सेगमेंट के 106 आईपीओ में से 51 आईपीओ 5 प्रतिशत या इससे अधिक प्रीमियम के साथ लिस्ट होने में सफल रहे। इस मामले में अर्बन कंपनी 62 प्रतिशत लिस्टिंग गेन के साथ अव्वल स्थान पर रही। इसी तरह आदित्य इन्फोटेक के शेयर 61 प्रतिशत, मीशो के शेयर 53 प्रतिशत, क्वाड्रेंट फ्यूचर के शेयर 53 प्रतिशत और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयर 48 प्रतिशत का लिस्टिंग गेन हासिल करने में सफल रहे।

दूसरी ओर, लिस्टिंग लॉस (नुकसान) की बात करें, तो ग्लॉटिस के शेयरों ने 35.12 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ लिस्ट होकर अपने निवेशकों को जबरदस्त झटका दिया। इसी तरह ओम फ्रेट फॉरवार्डर्स के शेयर 33.45 प्रतिशत, बीएमडब्ल्यू वेंचर्स के शेयर 28.90 प्रतिशत और एरीस इंफ्रा सॉल्यूशन के शेयर ने 21.45 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ लिस्ट होकर अपने निवेशकों को जबरदस्त नुकसान कराया।

मेनबोर्ड सेगमेंट की इन 106 आईपीओ में से 66 कंपनियों के शेयर फिलहाल इश्यू प्राइस से ऊपर कारोबार कर रहे हैं, जबकि 34 कंपनियों के शेयर इश्यू प्राइस से नीचे कारोबार कर रहे हैं। इसके अलावा 6 कंपनियों के शेयर इश्यू प्राइस के आसपास मामूली उतार चढ़ाव के साथ कारोबार कर रहे हैं। इन कंपनियों में स्टैलियन इंडिया फ्लूरो और आदित्य इन्फोटेक के शेयर अपने इश्यू प्राइस से 138 प्रतिशत ऊपर पहुंचकर कारोबार कर रहे हैं। दूसरी ओर, ग्लॉटिस के शेयर इश्यू प्राइस से फिलहाल 55 प्रतिशत और जेम एरोम के शेयर इश्यू प्राइस से 54 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहे हैं।

प्राइमरी मार्केट में मेनबोर्ड सेगमेंट के आईपीओ के सब्सक्रिप्शन की बात करें, तो हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर का आईपीओ सबसे अधिक 256 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसी तरह इंडो फार्म इक्विपमेंट का आईपीओ 159 गुना, डेन्टा वाटर का आईपीओ 154 गुना, स्टैलियन इंडिया का आईपीओ 131 गुना और स्टैंडर्ड ग्लास का आईपीओ 130 गुना सब्सक्राइब होने में सफल रहा था।

साल 2025 में टाटा कैपिटल सहित कई बड़ी कंपनियों ने अपनी आईपीओ को लांच किया। टाटा कैपिटल का 155 अरब रुपये का आईपीओ अक्टूबर के महीने में लॉन्च हुआ था। ये आईपीओ इंडियन प्राइमरी मार्केट का अभी तक का चौथा सबसे बड़ा आईपीओ था। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्राइमरी मार्केट में निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बनी हुई है। निवेशकों की इस दिलचस्पी के कारण ही साल 2024 और 2025 के 24 महीनों के दौरान आईपीओ का एवरेज सब्सक्रिप्शन 26.60 गुना रहा है। इनमें भी एसएमई सेगमेंट के आईपीओ की डिमांड तुलनात्मक तौर पर ज्यादा बनी रही है। यही वजह है कि इस सेगमेंट में भी कई आईपीओ 100 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब हुए।

धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का कहना है कि आने वाले साल में भी प्राइमरी मार्केट में निवेशकों की दिलचस्पी बने रहने की उम्मीद है। आईपीओ में निवेश करने को लेकर घरेलू संस्थागत निवेशकों और खुदरा निवेशकों (रिटेल इन्वेस्टर्स) का रुझान लगातार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। इसके साथ ही म्युचुअल फंड्स में एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए होने वाले निवेश का बड़ा हिस्सा भी आईपीओ में आ रहा है। और तो और, बाजार में एक्टिव इन्वेस्टर्स का एक बड़ा हिस्सा सेकेंडरी मार्केट की तुलना में प्राइमरी मार्केट को ज्यादातर तरजीह देता हुआ नजर आ रहा है। यही वजह है कि आने वाले दिनों में भी प्राइमरी मार्केट की हलचल तेज बनी रहने की संभावना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक