(वार्षिकी 2025) : पूर्वोत्तर में मादक पदार्थ तस्करी, हत्या और अन्य अपराधजनित घटनाएं
- Admin Admin
- Dec 29, 2025
गुवाहाटी, 28 दिसंबर (हि.स.)। वर्ष 2025 के दौरान असम सहित पूरे पूर्वोत्तर भारत में मादक पदार्थ तस्करी, सीमा से जुड़ी आपराधिक गतिविधियां, हत्याएं, उग्रवादी हिंसा और सामूहिक झड़पों की अनेक गंभीर घटनाएं सामने आईं। साल भर पुलिस, बीएसएफ, असम राइफल्स, एनआईए और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा चलाए गए अभियानों में हजारों करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित मादक पदार्थ जब्त किए गए, वहीं कई स्थानों पर हिंसक घटनाओं में लोगों की जान भी गई।
वर्ष की शुरुआत जनवरी माह में ही सिलचर, अगरतला, कामरूप, कछार और त्रिपुरा में बड़े पैमाने पर मादक पदार्थ विरोधी अभियानों से हुई। सिलचर के काठाल रोड, आइजोल बाइपास, अमिनगांव, धलाई और अम्बासा जैसे क्षेत्रों में हेरोइन, याबा टैबलेट और कोडीन युक्त कफ सिरप की बड़ी खेप बरामद कर कई तस्करों को गिरफ्तार किया गया। फरवरी माह में भी कछार, त्रिपुरा और मिजोरम में याबा और हेरोइन की लगातार बरामदगी दर्ज की गई।
मार्च और अप्रैल के दौरान मणिपुर में कुकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। चूड़ाचांदपुर में सामूहिक हमले, जनजातीय संघर्ष में मौतें और कई लोगों के घायल होने की घटनाओं ने हालात को गंभीर बना दिया। इसी अवधि में सीमावर्ती इलाकों में बीएसएफ और तस्करों के बीच टकराव, साथ ही बांग्लादेश में मोबाइल फोन की तस्करी की कोशिशें भी नाकाम की गईं। असम और कछार में एक बार फिर करोड़ों रुपये मूल्य की हेरोइन और याबा जब्त की गई।
मई और जून माह में मणिपुर में उग्रवाद विरोधी अभियानों के दौरान कई उग्रवादी मारे गए। इम्फाल और बिष्णुपुर में हिंसक घटनाएं, गोलीबारी और एक किसान की हत्या से तनाव बढ़ा। इस दौरान श्रीभूमि, कछार, त्रिपुरा और मिजोरम में मादक पदार्थों की बड़ी खेपें पकड़ी गईं, जिनमें एक टेलीकॉम इंजीनियर सहित कई लोगों की गिरफ्तारी हुई।
जुलाई और अगस्त में त्रिपुरा, कछार, मणिपुर और मेघालय में मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ अभियान और तेज हुए। चाम्फाई सीमा पर 112 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के मेथामफेटामिन की बरामदगी, बिलोनिया में सीमा पर मुठभेड़ में दो बांग्लादेशी तस्करों की मौत तथा मेघालय सीमा क्षेत्र में सशस्त्र बांग्लादेशी गिरोह के हमले की घटनाएं विशेष रूप से उल्लेखनीय रहीं।
सितंबर और अक्टूबर माह में कछार, श्रीभूमि, मेघालय और मणिपुर में याबा टैबलेटों और हेरोइन की कई बड़ी खेपें जब्त की गईं। बिष्णुपुर में सशस्त्र उग्रवादी हमले में असम राइफल्स के जवान शहीद हुए, जबकि दक्षिण असम में कृषि कार्य को लेकर हुए हिंसक संघर्ष में जानमाल का नुकसान हुआ। आइजोल और अगरतला में भी संयुक्त अभियानों के दौरान करोड़ों रुपये मूल्य के मादक पदार्थ बरामद किए गए।
नवंबर माह में मणिपुर और मिजोरम में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों के सदस्यों की गिरफ्तारी हुई और मेथामफेटामिन तथा हेरोइन की भारी खेपें पकड़ी गईं। असम में एक उग्रवादी संगठन के पूर्व सक्रिय कैडर के उप-कारागार से फरार होने की घटना भी सामने आई। दिसंबर में त्रिपुरा और कछार में याबा और हेरोइन की नई बरामदगी के साथ ही वर्ष का समापन हुआ।
कुल मिलाकर, वर्ष 2025 में पूर्वोत्तर भारत में मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलताएं मिलीं, लेकिन सीमा सुरक्षा, उग्रवाद और सामाजिक हिंसा जैसी चुनौतियां पूरे वर्ष क्षेत्र की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय बनी रहीं।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश



