अभाविप के अधिवेशन में मुख्यमंत्री धामी ने युवा समाज सेवी श्रीकृष्ण पाण्डेय को दिया प्रा. यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार

श्रीकृष्ण पाण्डेय काे पुरस्कार साैंपते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।

अभाविप के चरित्र, अनुशासन, राष्ट्र सेवा के मंत्र से आज कर रहा हूं जन सेवा: पुष्कर धामी राष्ट्र प्रथम के भाव से देश के सर्वांगीण विकास में अहम योगदान दे रहा अभाविप: श्रीकृष्ण

देहरादून, 30 नवंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के 71वें राष्ट्रीय अधिवेशन के अंतिम दिन रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह

धामी ने गोरखपुर स्माइल रोटी बैंक फाउंडेशन के युवा समाज सेवी श्रीकृष्ण पांडेय आजाद को प्रतिष्ठित प्रा. यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार से को सम्मानित किया गया। पुरस्कार के रूप में उन्हें एक लाख रुपये का चेक, प्रमाण-पत्र व स्मृति-चिह्न प्रदान किया गया।

नगर के परेड ग्राउंड पर अस्थायी बसाए गए बिरसा मुंडा नगर के जनरल विपिन रावत सभागार में श्रीकृष्ण पांडेय आजाद को सम्मानित करने के

बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह क्षण उत्तराखंड के लिए भी महान गौरव का है। यह पुरस्कार युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अपने छात्र काल और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी यादें भी सांझा की। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि परिषद ने चरित्र, अनुशासन, राष्ट्र सेवा को मंत्र दिया है, वही आज जन सेवा के कार्य को आगे बढ़ा रहा है। राष्ट्र निर्माण का यह पवित्र यज्ञ युवाओं का महासंगम है और इस महासंगम में जो विचार आए हैं, ऊर्जा का पूंज बनकर राष्ट्र के विकास के मार्ग को प्रशस्त करेंगे। उन्होंने कहा कि यह वर्ष संघ शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सौ वर्ष की यात्रा का परिणाम यह है कि राष्ट्र विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विवेकानंद के विचारों को आत्मसात कर अपनी पूरी क्षमता व ऊर्जा को एक भारत-श्रेष्ठ भारत के उत्थान में केंद्रित करना है और इससे ही भारत एक बार फिर विश्वगुरु के पद आसीन होगा। मुख्यमंत्री ने आपातकाल में विद्यार्थी परिषद के संघर्ष को सर्वोच्च बताते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान परिषद के कार्य को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में यूसीसी, सशक्त नकल विरोधी कानूनी, लैंड जिहाद, अवैध अतिक्रमण, मदरसा बोर्ड समाप्त करने जैसी अपनी सरकार की उपलब्धियां भी विद्यार्थियों के समक्ष रखी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि उत्तराखंड में शीतकालीन यात्रा की शुरूआत हुई है और अब यात्री शीतकाल में भगवान बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री व गंगोत्री के गद्दी स्थलों के दर्शन कर सकते हैं।

इस अवसर पर प्रा. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार पाने वाले श्रीकृष्ण पाण्डेय आजाद ने अपने कार्य के बारे में बताते हुए कहा कि अब तक करीब 30 हजार मानसिक रोगी उनके संपर्क में आए और वे दो हजार मानसिक रोगियों को पुर्नवासित कर चुके हैं। इसके अलावा जेल में कैदियों के साथ ही भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों के बीच भी वे कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद एक ऐसा संगठन है, जो सेवा भाव के साथ पूरे देश में जुटा है और यही वजह भी है कि अराजक माहौल पैदा करने वाले विध्वंसकारी कभी राष्ट्र को बांटने व तोड़ने में सफल नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि छात्र शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है। आजाद ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राष्ट्र प्रथम के भाव से देश के सर्वांगीण विकास में अहम योगदान दे रहा है।

इस अवसर पर परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री वीरेंद्र सोलंकी ने पुरस्कार चयन की प्रक्रिया की जानकारी दी। कार्यक्रम में अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रघुराज किशोर तिवारी, डॉ छग्गन भाई पटेल, विवेक पुजारी समेत अन्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कंचन पंवार ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार / विनोद पोखरियाल