जुबिन प्रकरण : एसआईटी ने काेर्ट में दाखिल की 3,500 पन्नों की चार्जशीट, सात लोगों के नाम शामिल
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- Dec 12, 2025
गुवाहाटी, 12 दिसंबर (हि.स.)। असम के सांस्कृतिक प्रतीक व गायक जुबीन गर्ग की मौत के हाई-प्रोफाइल जांच में असम पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्रवार काे इस मामले में 3,500 पृष्ठों का आरोपपत्र काेर्ट में दाखिल किया है। वहीं, दस्तावेजों सहित आरोपपत्र में कुल पृष्ठों की संख्या करीब 12 हजार है। इस मामले में सात लाेगाें काे भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं में आराेपित बनाया है। असम पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) प्रमुख मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने शुक्रवार को जुबिन गर्ग मामले से जुड़े आरोपपत्र अदालत में दाखिल किए जाने की जानकारी दी।
काेर्ट में दाखिल अराेपपत्र में आपराधिक साजिश और गैर-इरादतन हत्या से लेकर हत्या और लापरवाही से मौत का कारण बनने जैसे आरोपों काे कानूनी आधार बनाया गया है।
जुबीन गर्ग सिंगापुर नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में हिस्सा लेने गए थे, जहां 19 सितंबर, 2025 को सिंगापुर में डूबने से माैत हाे गई थी। इस घटना बाद यह एक हाई-प्रोफाइल मामला बन गया। शुरूआत में इसे दुर्घटना माना जा रहा था, लेकिन अब असम पुलिस हत्या मानकर जांच कर रही है। इस संबंध में पहले भी कई गिरफ्तारियां हुई हैं।
एसआईटी प्रमुख ने बताया कि इस मामले में सात लोग न्यायिक हिरासत में हैं। इसमें नॉर्थ ईस्ट इंडिया उत्सव के आयोजक और कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाले श्यामकानु महंत महंत के खिलाफ बीएनएस की धारा 3, 61, 103, 308, 318 और 238 के तहत आरोप लगाए गए हैं। गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 3 (6/7/8), 61(2), 103(1) और 316(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इसी तरह, संगीतकार शेखरज्योति गोस्वामी पर धारा 3, 61, 103, 318 और 316 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। जुबीन के चचेरे भाई व डीएसपी संदीपान गर्ग के खिलाफ बीएनएस की धारा 105 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनके दाे निजी अंगरक्षकों परेश बैश्य और नंदेश्वर बोरा के खिलाफ क्रमशः धारा 61, 316(5) तथा 61(2), 316(5) के तहत केस दर्ज किया गया है। गायक अमृतप्रभा महंत पर भी कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने बताया कि मुख्य आरोपपत्र लगभग 3,500 पृष्ठों का है, जबकि संलग्न दस्तावेजों सहित कुल आरोपपत्र में पृष्ठों की संख्या करीब 12 हजार है। गुप्ता ने बताया कि एसआईटी ने न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए व्यापक साक्ष्य और दस्तावेज एकत्रित किए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश



