कोरिया: धान खरीद में गड़बड़ी पर कलेक्टर सख्त, नोडल अधिकारियों की लगाई क्लास, पारदर्शिता नहीं तो कार्रवाई तय

अंबिकापुर/कोरिया, 2 दिसंबर (हि.स.)। कोरिया जिले में धान खरीद की सुचारू और निष्पक्ष व्यवस्था सुनिश्चित करने कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विशेष समीक्षा बैठक आयोजित की और 21 धान उपार्जन केंद्रों की स्थिति का विस्तृत आकलन किया। बैठक के दौरान कलेक्टर ने नोडल अधिकारियों से सीधे सवाल-जवाब कर खरीद व्यवस्था की वास्तविक तस्वीर जानी और कई केंद्रों पर मौजूद कमियों पर नाराजगी जताई।

कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि शासन किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और धान खरीद व्यवस्था में किसी भी प्रकार की अनियमितता, देरी, कोताही अथवा किसानों को परेशान करने की स्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि धान लेकर आने वाले प्रत्येक वाहन और चालक की फोटो अनिवार्य रूप से अपलोड की जाए, गुणवत्ता परीक्षण पूरी पारदर्शिता के साथ हो तथा भूमि स्वामी के दस्तावेज पट्टा, ऋण पुस्तिका और रकबा समर्पण की जांच में लापरवाही न बरती जाए।

बारदाना उपलब्धता को लेकर कलेक्टर ने खाद्य, मार्कफेड और सहकारिता विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि “किसी भी परिस्थिति में बारदाना की कमी स्वीकार नहीं की जाएगी। खरीद की पूरी प्रक्रिया किसानों की सुविधा के अनुरूप और समयबद्ध तरीके से संचालित होना अनिवार्य है।”

फर्जी, बोगस और अवैध धान खरीद पर ज़ीरो टॉलरेंस का रुख अपनाते हुए कलेक्टर ने कहा कि सरकार किसानों के एक-एक दाने की खरीद के प्रति प्रतिबद्ध है, लेकिन गैरकानूनी धान की खरीद-बिक्री और परिवहन पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। उन्होंने 15 नवंबर से अब तक केंद्रवार खरीदी की गई धान की मात्रा की रिपोर्ट भी ली और एसडीएम व तहसीलदारों को निर्देश दिया कि संदिग्ध परिवहन और बिक्री पर पैनी निगरानी रखी जाए तथा आवश्यकतानुसार तत्काल कार्रवाई की जाए।

अंत में कलेक्टर ने फिर दोहराया कि जिले के किसी भी किसान को परेशानी न हो, यह सभी अधिकारियों व समितियों की सर्वोच्च जिम्मेदारी है और लापरवाही पाए जाने पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। बैठक में अपर कलेक्टर सुरेंद्र प्रसाद वैद्य, डी.डी. मंडावी, संयुक्त कलेक्टर अमित गुप्ता, दीपिका नेताम सहित खाद्य, मार्कफेड और सहकारिता विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / पारस नाथ सिंह