कम लागत वाली खेती पर जोर, प्राकृतिक तकनीक अपनाने को किसानों को मिली प्रेरणा
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- Dec 04, 2025
बेतिया, 4 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिमी चंपारण स्थित लौरिया ब्लॉक कृषि कार्यालय में गुरुकवार को प्राकृतिक खेती पर केंद्रित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें किसानों को पारंपरिक देसी तरीकों से उर्वरक तैयार करने और रासायनिक इनपुट पर निर्भरता घटाने के बारे में विस्तार से बताया गया।
प्रशिक्षण देते हुए माधोपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. हर्षा ने कहा कि गौ-गोबर, गौ-मूत्र, दाल का घोल, नीम पत्ती और जीवामृत जैसे संसाधनों से तैयार की गई प्राकृतिक खाद न केवल मिट्टी को सजीव बनाती है, बल्कि उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों बढ़ाती है।
उन्होंने कहा कि बढ़ती लागत और मिट्टी के क्षरण को देखते हुए प्राकृतिक खेती किसानों के लिए लाभकारी विकल्प बन सकती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड कृषि पदाधिकारी केशव किशोर ने की। मौके पर कृषि सखियों में अशोक पांडे,उमेश राम, अजयनाथ तिवारी,शमीम अफजल,मनीष कुमार, लालबाबू पांडे, मनीष सिंह, अर्जुन सिंह, वीरेंद्र प्रसाद, एटीएम ओमेश कुमार और बीटीएम संजय कुमार अन्य के साथ कई ग्रामीण किसान उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / अमानुल हक



