ममता ने ब्रिगेड में गीता पाठ को बताया भाजपा का कार्यक्रम, नहीं जाने पर दी सफाई
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- Dec 08, 2025
कोलकाता, 08 दिसंबर (हि. स.)। ब्रिगेड मैदान में रविवार को हुए ‘पांच लाख कंठ में गीता पाठ’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनके शामिल न होने पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे। सोमवार उत्तर बंगाल रवाना होने से पहले ममता बनर्जी ने इस पर साफ जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम यदि निष्पक्ष होता तो वह ज़रूर जातीं, लेकिन जहां भारतीय जनता पार्टी की प्रत्यक्ष मौजूदगी हो, वहां जाना संभव नहीं।
ममता बनर्जी ने कहा कि वह सभी धर्मों और सभी समुदायों का सम्मान करती हैं, लेकिन उनकी अपनी राजनीतिक विचारधारा है, और उसी के आधार पर वह तय करती हैं कि कहां जाना उचित है। उनका कहना था कि ब्रिगेड का कार्यक्रम पूरी तरह भाजपा के प्रभाव में था और ऐसे समारोह में उनकी उपस्थिति उचित नहीं होती।
रविवार के कार्यक्रम में साधु-संतों के साथ बड़ी संख्या में आम लोगों की भागीदारी भी दिखी। मंच और मैदान में राज्यपाल समेत बीजेपी के शीर्ष नेता मौजूद थे। हालांकि कहीं भी दल का झंडा नहीं लगाया गया था, लेकिन मैदान के विभिन्न हिस्सों में पार्टी नेताओं की मौजूदगी साफ दिख रही थी। राज्य अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य, विधानसभा में विरोधी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी, केंद्रीय राज्यमंत्री सुकांत मजूमदार और दिलीप घोष सहित कई नेता मौजूद रहे।
दूसरी ओर, निलंबित विधायक हुमायूं कबीर जिस तरह बाबरी मस्जिद को लेकर विवादित बयान दे रहे हैं, उस माहौल के बीच कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि ब्रिगेड का यह मंच हिंदू एकता को मजबूत दिखाने की भाजपा की कोशिश का हिस्सा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग नेताजी का अपमान करते हैं और गांधीजी को नहीं मानते, उनके बीच वह नहीं जा सकतीं। उनके अनुसार, बंगाल की मिट्टी ने उन्हें यह सीख दी ही नहीं कि वह अपने विचारों और मूल्यों से समझौता करें।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर



