हरियाणा सरकार ने शुरू की बजट की तैयारी, वित्त मंत्री बजट घोषणाओं और बजट खर्च की करेंगे समीक्षा

- वित्त विभाग ने प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों से तीन वित्तीय वर्षों की बजट रिपोर्ट की तलब

चंडीगढ़, 04 दिसंबर (हि.स.)। नायब सरकार ने वर्ष 2026-27 के बजट की तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी, बतौर वित्त मंत्री दिसंबर माह में वर्ष 2025-26 की बजट घोषणाओं और बजट खर्च की समीक्षा करेंगे। वित्त विभाग की ओर से बैठक की तैयारियां शुरू कर दी हैं। यही नहीं, विभाग की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों से वर्ष 2025-26 के बजट खर्च की रिपोर्ट तलब की है।

वित्त विभाग की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से वर्ष 2026-27 का बजट अनुमान मांगा है। बाकायदा, विभाग की ओर से बजट अनुमान का प्रोफार्मा जारी किया गया है, जिसमें राजस्व एवं पूंजी व्यय (रिवेन्यू तथा कैपिटल), केंद्र प्रायोजित योजनाएं (जिनमें राज्य की हिस्सेदारी है) और भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित योजनाओं का उल्लेख करना होगा। वित्त विभाग की ओर से विभागों को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि बजट अनुमान सटीक होना चाहिए। जिस भी योजना के लिए बजट का प्रपोजल तैयार किया जाए, उसकी अनुमानित राशि का आकलन सही होना चाहिए ताकि बजट आवंटन में किसी तरह की वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े।वित्त विभाग की ओर से प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यों से पिछले तीन वित्तीय वर्ष के बजट का ब्योरा मांगा है। विभाग की ओर से जारी किए गए प्रोफार्मा में खर्च का उल्लेख करना होगा। वर्ष 2023-24 के वित्त वर्ष में बजट अनुमान, वास्तविक खर्च और योजना का का जिक्र करना होगा। इसके साथ ही वर्ष 2024-25 और 2025-26 के वित्तीय वर्ष का भी पूरा ब्योरा प्रोफार्मा के अनुसार विभाग को तैयार करना होगा। इसके साथ ही 30 नवंबर 2025 तक खर्च की राशि और 31 मार्च 2026 तक खर्च होने वाली अनुमानित राशि का भी ब्योरा विभाग की ओर से रिपोर्ट में देना होगा। वित्त विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक, जिन पर वित्त मंत्री का भी प्रभार है, वित्त मंत्री द्वारा पिछले तीन वित्तीय वर्ष में बजट घोषणाओं की वास्तविकता की समीक्षा की जाएगी। विभाग की ओर से वर्षवार योजना का नाम, लक्ष्य और उपलब्धि का ब्योरा देना होगा। साथ ही, विभाग को यह भी उल्लेख करना होगा कि 30 नवंबर तक योजना की वास्तविक स्थिति क्या है और 31 मार्च 2026 तक योजना में कितनी प्रगति होगी। इसके साथ ही 2026-27 में योजना पर खर्च होने वाली राशि का अनुमानित बजट का भी उल्लेख करना होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा