अपडेट- काशी तमिल संगमम-4.0: तमिलनाडु का दूसरा दल काशी में भव्य स्वागत से अभिभूत

तमिल मेहमानों का स्वागत करते राज्यमंत्री

—गंगा तट, घाटों, तथा शहर के प्रमुख सांस्कृतिक और शैक्षिक स्थलों का भ्रमण भी करेंगे

वाराणसी,04 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में आयोजित काशी तमिल संगमम-4.0 में भाग लेने के लिए तमिलनाडु से दूसरा दल भी काशी पहुंच गया है। इस दल में अध्यापक (टीचर्स डेलिगेशन) शामिल है। बुधवार की देर रात दूसरा दल विशेष ट्रेन से मंड़ुवाडीह स्थित बनारस रेलवे स्टेशन पहुंचा। स्टेशन पर उतरते ही मेहमानों का काशी के पारंपरिक तरीके से डमरू वादन,पुष्प वर्षा और ‘हर-हर महादेव’ तथा 'वणक्कम काशी’ के उदघोष से भव्य स्वागत किया गया। स्टेशन पर स्वागत समारोह में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ तथा वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी स्वयं उपस्थित रहे। दोनों जन प्रतिनिधियों ने मेहमानों को काशी की सांस्कृतिक आत्मीयता और तमिल-काशी के ऐतिहासिक संबंधों की जानकारी देते हुए उनका अभिनंदन किया।

—तमिल मेहमानों में दिखा उत्साह

स्टेशन पर पारंपरिक स्वागत से तमिल दल के सदस्यों में खासा उत्साह देखने को मिला। कई मेहमानों ने कहा कि काशी में मिल रही गर्मजोशी और आध्यात्मिक वातावरण उनके लिए अविस्मरणीय है। डमरू वादन की ध्वनि से पूरा परिसर शिवमय हो गया और काशी व तमिलनाडु की सांस्कृतिक एकता की झलक साफ दिखाई दी। कार्यक्रम के तय शेड्यूल के अनुसार, तमिलनाडु से आए यह डेलिगेट्स गुरूवार पूर्वांह में श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन–पूजन करेंगे। इसके बाद वे गंगा तट, घाटों, तथा शहर के प्रमुख सांस्कृतिक और शैक्षिक स्थलों का भ्रमण भी करेंगे। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि अतिथियों को काशी की समृद्ध विरासत, कला, संस्कृति और अध्यात्म से परिचित कराने के लिए विशेष कार्यक्रम तैयार किए गए हैं।

—तमिल–काशी संबंधों को मजबूत करने की पहल

‘काशी तमिल संगमम’ का उद्देश्य काशी और तमिलनाडु के बीच प्राचीन सांस्कृतिक, धार्मिक और शैक्षिक संबंधों को पुनर्जीवित करना है। इस बार चौथा संस्करण आयोजित हो रहा है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों—शिक्षा, संस्कृति, साहित्य, कला एवं उद्योग—से जुड़े प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी