काशी तमिल संगमम् 4.0 के लिए तैयार काशी,मंगलवार से आगाज

— केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ​सहित कई विशिष्ट अतिथि उद्घाटन समारोह में होंगे शामिल

—कन्याकुमारी से काशी के लिए रवाना हुआ तमिल छात्रों का दल

वाराणसी, 1 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर और दक्षिण के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी तमिल संगमम के चौथे संस्करण की मेजबानी के लिए तैयार है। संगमम के चौथे संस्करण की शुरूआत मंगलवार शाम को नमोघाट से होगी। इस आयोजन में 1400 से अधिक प्रतिनिधि तमिलनाडु से शामिल होंगे। ''तमिल करकलाम यानि तमिल सीखें'' की थीम पर आधारित इस कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि तथा पुदुच्चेरी के उपराज्यपाल के. कैलासनाथन की विशिष्ट मौजूदगी रहेगी। उद्घाटन समारोह में काशी और तमिलनाडु के कलाकार एक साथ मंच पर पारंपरिक प्रस्तुति देकर विविधतापूर्ण भारतीय संस्कृति का अद्भुत संगम प्रदर्शित करेंगे‌।

—कन्याकुमारी से काशी के लिए रवाना हुआ तमिल छात्रों का दल

वाराणसी परिक्षेत्र के कमिश्नर एस राजलिंगम के अनुसार काशी तमिल संगमम् में भाग लेने के लिए छात्रों का पहला दल शनिवार की सुबह कन्याकुमारी से काशी के लिए विशेष ट्रेन से रवाना हुआ है। ट्रेन संख्या 06001 में कन्याकुमारी से 43 छात्र, तिरुचिरापल्ली से 86 और चेन्नई से 87 छात्र ट्रेन पर सवार हुए। छात्रों का यह दल मंगलवार को काशी में भ्रमण के बाद शाम को नमो घाट पर शुभारंभ समारोह में शामिल होगा। काशी तमिल संगमम्र् 4.0 में शामिल होने डेलिगेट्स सबसे पहले हनुमान घाट पहुंचेंगे जहां वह गंगा में स्नान करने दक्षिण भारतीय मंदिरों में दर्शन पूजन और वहां के इतिहास के बारे में जानेंगे। इसके बाद सभी डेलीगेट सीधे काशी विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे वहां बाबा विश्वनाथ का दर्शन और मां अन्नपूर्णा रसोई में भोजन ग्रहण करेंगे। इसके बाद डेलीगेट सीधे बीएचयू पहुंचेंगे जहां एकेडमिक कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे और फिर वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विभिन्न स्थानों का भ्रमण करेंगे।

—मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने की अपील

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा था कि काशी-तमिल संगमम् उन सभी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन चुका है जिन्हें तमिल भाषा और संस्कृति से प्रेम है। उन्होंने बताया कि काशी के लोगों से बात करने पर अक्सर यह सुनने को मिलता है कि उन्हें इस आयोजन में शामिल होकर नए अनुभव मिलते हैं और तमिलनाडु से आने वाले लोगों से जुड़ने का अवसर मिलता है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि वे इस बार भी काशी-तमिल संगमम में अवश्य शामिल हों और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को और मजबूत करें। उन्होंने कहा कि काशीवासी पूरे जोश के साथ तमिलनाडु से आने वाले अपने भाई–बहनों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने लोगों से ऐसे और मंचों के बारे में भी सोचने का आग्रह किया जो देश की एकता और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाएं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी