अमृतसर की 450वीं वर्षगांठ से पहले सफाई की मांग:महिलाएं बोलीं-शहर से कूड़े के ढेर हटाए जाएं; प्लास्टिक मुक्त बनाने की अपील

अमृतसर की 450वीं स्थापना वर्षगांठ अगले वर्ष मनाई जानी है। इसे देखते हुए शहर में अभी से ही साफ-सफाई और पर्यावरण सुधार की मांग उठने लगी है। इसी कड़ी में महिलाओं के नेतृत्व में 'चलो अमृतसर' मुहिम शुरू की गई है, जिसने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि वर्षगांठ को केवल कार्यक्रमों तक सीमित न रखा जाए, बल्कि उससे पहले ही अमृतसर को स्वच्छ, सुंदर और प्रदूषण-मुक्त बनाया जाए। इस नागरिक अभियान का मुख्य उद्देश्य अमृतसर में लगातार बढ़ते कूड़े के ढेर, प्रदूषण और बिगड़ते पर्यावरण पर रोक लगाना है। अभियान से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री हरिमंदर साहिब के दर्शन के लिए अमृतसर पहुंचते हैं, इसलिए स्वच्छ वातावरण गुरु की नगरी की मर्यादा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विषय है। मुहिम की सबसे बड़ी मांग भगतां वाला डंप को बंद करने और शहर में कूड़ा डंपिंग पर तत्काल रोक लगाने की है। अभियान से जुड़े लोगों का कहना है कि डंप से निकलने वाली जहरीली गैसें न केवल लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि पवित्र शहर की छवि को भी धूमिल कर रही हैं। शहर से कूड़े के ढेर हटाने की मांग इसके साथ ही, डोर-टू-डोर कचरा संग्रह, वैज्ञानिक ठोस कचरा प्रबंधन और पुराने शहर से कूड़े के ढेर हटाने की मांग भी उठाई गई है। अभियान से जुड़ी प्रमुख महिलाओं में इंदू अरोड़ा, समिता कौर, डॉ. नवनीत भुल्लर, डॉ. अमृता राणा, पल्लवी लूथरा कपूर, स्वर्णजीत कौर, प्रीत धनौआ, श्वेता मेहरा, डॉ. सिमरप्रीत संधू, रिपनजोत बग्गा, रितु मल्हान, अर्चना मलिक और मनप्रीत खैरा शामिल हैं। इन सभी का मानना है कि 450वीं वर्षगांठ से पहले अमृतसर की सूरत बदलनी चाहिए। अमृतसर को प्लास्टिक मुक्त बनाने की अपील इवेंट की मेजबानी कर रहीं डॉ. सिमरप्रीत संधू ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्त प्रतिबंध लगाने, प्लास्टिक कचरे की जवाबदेही तय करने और पूरे अमृतसर को प्लास्टिक मुक्त बनाने की अपील की। उन्होंने 450वीं वर्षगांठ को स्थायी रूप से यादगार बनाने के लिए बड़े स्तर पर देशी पेड़ लगाने और हरियाली बढ़ाने का सुझाव भी दिया, जिस पर अभी से ध्यान देने की आवश्यकता है।