अकाली उम्मीदवार की बेटी कंचनप्रीत मजिस्ट्रेट कस्टडी में रहेंगी:हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर उठाए सवाल, कहा-वकील के पहुंचने तक पुलिस कस्टडी नहीं, रात 8 बजे सुनवाई

तरनतारन उपचुनाव के बाद गिरफ्तार अकाली दल उम्मीदवार सुखविंदर कौर की बेटी कंचनप्रीत कौर को हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट की कस्टडी में रखने का निर्देश दिया है। दरअसल, कंचनप्रीत की गिरफ्तारी को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में एक पिटीशन दाखिल की गई थी। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि कंचनप्रीत का रिमांड तब तक न बताया जाए, जब तक उनके वकील अर्शदीप सिंह कलेर और दमनप्रीत सोबती तरन तारन नहीं पहुंच जाते। कोर्ट ने कहा कि जब तक वकील नहीं पहुंचते, कंचनप्रीत कोर्ट की कस्टडी में ही रहेंगी। पुलिस कंचनप्रीत को अपनी कस्टडी में नहीं रख सकती। हाई कोर्ट ने कहा है कि रात 8 बजे जिला अदालत तरन तारन में इस मामले की सुनवाई होगी। बता दें कि कंचनप्रीत पर उपचुनाव के दौरान 4 अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज की गई थी। रात 8 बजे कोर्ट में सुनवाई आज रात 8 बजे मामले में कोर्ट में सुनवाई होगी और अर्शदीप कलेर और वकील दमनप्रीत सोबती आज जाकर इस केस की पैरवी करेंगे। कोर्ट ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि आरोपी ने जांच में शामिल होने के लिए खुद पहल की थी और इस मामले में पुलिस की गिरफ्तारी पर सवाल उठता है। कोर्ट ने कहा- अवैध तरीके से कैसे गिरफ्तारी हुई हाई कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पूछा कि जिस व्यक्ति ने स्वयं जांच में भाग लेने की इच्छा जताई, उसे अवैध तरीके से कैसे गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने इस आदेश से स्पष्ट किया है कि न्यायपालिका जांच और गिरफ्तारी की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहती है। कंचनप्रीत की गिरफ्तारी और हाई कोर्ट के आदेश के बाद मामले ने राजनीतिक और कानूनी दोनों ही स्तरों पर हलचल पैदा कर दी है। अब देखना होगा कि जिला अदालत में सुनवाई के दौरान इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है। वल्टोहा बोले- नए मामले में 7 दिन पहले सूचना का आदेश था पूर्व विधायक विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि मौजूदा सरकार ने कंचनप्रीत को राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया है। उनका आरोप है कि पंजाब की परंपरा में विरोधियों की बहू-बेटियों का सम्मान होता है, लेकिन पहली बार राजनीतिक प्रोपेगेंडा के तहत केस दर्ज किए जा रहे हैं ताकि किसी युवा नेता को आगे बढ़ने से रोका जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि अदालत ने कंचनप्रीत को गिरफ्तारी से राहत दी और निर्देश दिया कि किसी नए मामले में 7 दिन पहले सूचना दी जाए। पहले गिरफ्तारी न करने पर एसएसपी सस्पेंड किया वल्टोहा ने आरोप लगाया कि कंचनप्रीत को गिरफ्तार न करने पर एक ईमानदार एसएसपी को सस्पेंड कर दिया गया, जो युवा अधिकारियों के साथ नाइंसाफी है। वहीं, कंचनप्रीत ने मीडिया से बातचीत करने से इनकार किया और केवल यह कहा कि उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है। वल्टोहा ने दावा किया कि कंचनप्रीत की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि अधिकारी भी कह रहे हैं कि 2027 में वह विधायक बन सकती हैं। अकाली नेता के आरोपों की 3 बड़ी बातें...