भास्कर न्यूज | अमृतसर गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी ने क्षेत्रीय भाषाओं को डिजिटल रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. पुष्पिंदर सिंह ने गुरमुखी और अंग्रेज़ी भाषा में लिखे अक्षरों की तेज और सटीक पहचान करने वाली दो-भाषाई मोबाइल ओसीआर एप विकसित की है। अत्याधुनिक तकनीक से तैयार यह एप पंजाबी और अंग्रेजी लिखित सामग्री को डिजिटल स्वरूप में बदलने में बेहद कारगर साबित होगी। इस एप का मूल विकास डॉ. पुष्पिंदर ने अपनी पीएचडी के दौरान पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में किया था। अब इसे भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संचालित भाषिणी मिशन के तहत आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया है। हाल ही में पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए तीन महत्वपूर्ण डिजिटल एक्सेसिबिलिटी ऐप्स दृष्टि लाइब्रेरी, दृष्टि डॉट और डॉ. सिंह द्वारा विकसित दो-भाषाई गुरमुखी ओसीआर एप का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया गया। इन एप्स का उद्देश्य आधुनिक डिजिटल तकनीक के माध्यम से भाषा-सुलभता को मजबूत बनाना है। नई विकसित ओसीआर एप के माध्यम से किताबों, दस्तावेजों और तस्वीरों में मौजूद गुरमुखी (पंजाबी) और अंग्रेज़ी लिखित को आसानी से एडिटेबल डिजिटल टेक्स्ट में बदला जा सकता है। यह एप विशेष रूप से स्टूडेंट्स, शोधार्थियों, मीडिया कर्मियों, सरकारी विभागों और सबसे अहम, नेत्रहीण व्यक्तियों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी। वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) कर्मजीत सिंह ने डॉ. पुष्पिंदर को इस महत्त्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि ऐसी पहलें न केवल पंजाबी भाषा की टेक्नोलॉजी को मज़बूत करती हैं।



