गुरदासपुर में परिवार का पक्षियों से अनोखा प्रेम:तोते के जोड़े की मौत पर गुरुद्वारा साहिब में पाठ, 300 लोगों को कराया भोजन, अंतिम अरदास

गुरदासपुर के एक परिवार ने अपने पालतू तोते के जोड़े की मौत के बाद इंसानों की तरह पूरे रीति-रिवाज निभाए। परिवार ने गुरुद्वारा साहिब में पाठ करवाया और दसवें के दिन 300 लोगों के लिए भोजन का प्रबंध भी किया। मोहल्ला प्रेम नगर निवासी बबली और अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने सात साल पहले तोता-तोती का एक जोड़ा पाला था। उन्होंने तोते का नाम 'मून' और तोती का नाम 'पीहू' रखा था। परिवार इन पक्षियों को अपने बच्चों की तरह प्यार करता था और उन्हें अपने परिवार का अभिन्न अंग मानता था। आत्मिक शांति के लिए गुरुद्वारा साहिब में कराया पाठ तोता-तोती की मौत के बाद परिवार ने उनकी आत्मिक शांति के लिए गुरुद्वारा साहिब में पाठ करवाया। इसके बाद दसवें के दिन 300 लोगों को भोजन कराया गया और रिश्तेदारों को भी भोग में आमंत्रित किया गया। परिवार के सदस्यों ने बताया कि जब वे इन पक्षियों को घर लाए थे, तब उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और वे मिट्टी के घर में रहते थे। तोते के जोड़ा आने के आने के बाद उनके हालात सुधरने लगे। उन्हें कई जगहों से रुके हुए पैसे मिले, एक पुराना केस उनके हक में हो गया, जिससे उन्हें काफी धन प्राप्त हुआ। परिवार इस जोड़े को अपने लिए भाग्यशाली मानता था। परिवार इन पक्षियों को एक दैविक रुह समझकर उनकी सेवा करते थे और इन पक्षियों से बहुत प्यार करते थे। 14 नवंबर 2025 को तोते की अचानक मौत हो गई, जिससे परिवार को काफी सदमा लगा। दस दिन पहले हुई तोती की मौत परिवार ने उसकी मौत के बाद सभी वह रीति रिवाज किए जो एक व्यक्ति की मौत पर किए जाते हैं। एक महीने बाद यानी 19 दिसंबर 2025 को तोती पीहू की भी मौत हो गई। परिवार ने उसके भी सारे रीति रिवाज किए पहले गुरुद्वारा साहिब में उनकी आत्मिक शांति के लिए पाठ करवाया और बाद में दसवें के दिन आज 300 लोगों के लिए भोजन का भी प्रबंध किया। सभी रिश्तेदारों को भी उनके भोग में आमंत्रित किया और दोनों को घर में ही दफनाया गया उन्होंने मिसाल कायम की है कि पशु पक्षी भी हमारे घर के सदस्य बन सकते हैं।