संतों की शरण से जगत, अगत दोनों सुधरते हैं

भास्कर न्यूज | जालंधर कोट किशन चंद स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर में भक्तों की ओर से अन्नपूर्णा जयंती के उपलक्ष्य में जारी श्रीमद्भागवत कथा में कथा वाचक पंडित पंकज शर्मा ने हरिनाम की धुन के साथ कथा की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि संतों की शरण में आने से जगत भी सुधरता है और अगत भी। तन और मन की पवित्रता से जगत सुखी बनेगा। उन्होंने कहा कि तन सुखी रहता है पवित्र अन्न से, यानी ऐसा अन्न जो आपने हक हलाल की कमाई से कमाया गया हो। पवित्र अन्न ही मन को पवित्र रखता है। जिसका जगत सुखी हो जाता है उसका अगत स्वत: ही बन जाता है।