चन्नी बोले कांग्रेस करेगी सड़क से संसद तक विरोध:भाजपा ने 90 से केंद्र का शेयर60फीसदी किया,प्रदेश सरकार 10फीसदी नहीं दे पाई40 कहा सेदेगी
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- Dec 29, 2025
जालंधर में पूर्व सीएम व सांसद चरनजीत चन्नी प्रैस को संबोधन करते हुए कहा केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से मनरेगा खत्म कर जो नया बिल जाए है जी राम जी उसमें भाजपा केंद्र सरकार के शेयर 90फीसदी से घटा कर 60फीसदी कर दिया। जिससे पंजाब में यह योजना पुरी तरह से बंद हो गाएगी। पंजाब सरकार पिछले चार सालों में पंजाब के लोगों को 100 दिन रोजगार नहीं दे पाई। किसी गांव 15 दिन मिला किसी गांव में 20 दिन मिला। क्योकि सरकार के पास 10फीसदी शेयर डालने को पैसे नहीं है। अब नया कानून आने के बाद पंजाब को 40% देना होगा। इसके कारण पंजाब में नरेगा खत्म हो जाएगी। चन्नी ने कहा मनरेगा सिर्फ रोजगार योजना नहीं, बल्कि गांवों और गरीबों की जीवनरेखा है। केंद्र सरकार पर मनरेगा खत्म करने की साजिश का आरोप चन्नी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने मनरेगा को कमजोर करने के लिए नई व्यवस्था लागू की है। पहले जहां योजना के तहत 90% फंड केंद्र देता था, वहीं अब 60:40 का अनुपात लागू कर दिया गया है। इससे पंजाब जैसे राज्यों पर अतिरिक्त बोझ पड़ गया है, जो वहन करने की स्थिति में नहीं हैं। इसका सीधा नुकसान गरीब मजदूरों को हो रहा है। एससी स्कॉलरशिप के बाद मनरेगा पर दूसरी बड़ी चोट नेताओं ने कहा कि इससे पहले पोस्ट मैट्रिक एससी स्कॉलरशिप में 100% फंडिंग खत्म कर 60:40 का फॉर्मूला लागू किया गया, जिससे हजारों छात्र पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हुए। अब उसी तरह मनरेगा को भी कमजोर किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण गरीबों की आजीविका संकट में आ गई है। पंजाब सरकार पर भी मनरेगा न चलाने के आरोप कांग्रेस नेताओं ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में पंचायतों को न तो पर्याप्त फंड मिला और न ही मनरेगा के तहत पूरे 100 दिन का काम दिया गया। कई गांवों में मजदूरों को सालभर में 15 दिन भी काम नहीं मिला। गांवों का विकास और संघीय ढांचा दोनों खतरे में नेताओं ने कहा कि पहले ग्राम सभा और पंचायतों को काम तय करने का अधिकार था, लेकिन अब सारी शक्तियां केंद्र और डीसी स्तर पर केंद्रीकृत कर दी गई हैं। इससे न केवल गांवों का विकास रुका है, बल्कि संघीय ढांचे पर भी चोट की जा रही है। कांग्रेस करेगी बड़े आंदोलन का ऐलान कांग्रेस ने ऐलान किया कि वह मनरेगा और गरीबों के हक की लड़ाई सड़क से संसद तक लड़ेगी। पार्टी गांव-गांव जाकर आंदोलन करेगी, महापंचायतें, धरने और रैलियां आयोजित की जाएंगी। कांग्रेस ने मांग की कि मनरेगा को पुराने स्वरूप में बहाल किया जाए और मजदूरों को कम से कम 125 से 150 दिन का काम सुनिश्चित किया जाए। मनरेगा सिर्फ मजदूरों की नहीं, गांवों की लड़ाई नेताओं ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ मनरेगा मजदूरों की नहीं, बल्कि पूरे ग्रामीण विकास की है। सड़कें, तालाब, सफाई, खेतों से जुड़े काम मनरेगा से जुड़े थे। योजना को कमजोर करना गांवों को पीछे धकेलने जैसा है।



